SCSS और म्यूचुअल फंड में से रिटायरमेंट के लिए क्या है बेहतर, कहां मिलेगा ज्यादा फायदा, जानिए

निवेशकों को इन दोनों ऑप्शनों के बीच तुलना करनी चाहिए। खास कर उन लोगों को जो रिटायरमेंट के बाद के लिए फंड बना रहे हैं।

SCSS vs Mutual Fund

केवल रिटर्न के आधार पर म्यूचुअल फंड न चुनें

मुख्य बातें
5 सालों में एससीएसएस का रिटर्न 7-8 फीसदी रहा कई रिटायरमेंट स्कीमों ने इससे ज्यादा रिटर्न दिया एचडीएफसी रिटायरमेंट सेविंग्स फंड ने दिया भारी रिटर्न

SCSS vs Mutual Fund : वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizens Savings Scheme) या एससीएसएस (SCSS) कई चीजों की वजह से निवेशकों के बीच पसंद किया जाने वाला ऑप्शन है। इनमें गारंटीड इनकम, टैक्स डिडक्शन बेनेफिट और 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर शामिल हैं। हालांकि अगर पिछले पांच वर्षों में सालाना रिटर्न पर नजर डालें तो एससीएसएस (SCSS) को कई रिटायरमेंट फंड्स ने पीछे छोड़ दिया है और इससे ज्यादा फायदा कराया है। इसलिए निवेशकों को इन दोनों ऑप्शनों के बीच तुलना करनी चाहिए। खास कर उन लोगों को जो रिटायरमेंट के बाद के लिए फंड बना रहे हैं।

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ये है सबसे बड़ा फर्क

एससीएसएस की मैच्योरिटी अवधि 5 साल की होती है। बीते 5 सालों में देखें तो इसका रिटर्न 7-8 प्रतिशत के बीच रहा है। वहीं कई रिटायरमेंट फंड ने इससे कहीं अधिक रिटर्न दिया है। कई ऐसे फंड्स हैं, जिन्होंने निवेशकों को बीते 5 सालों में 12 से करीब 22 फीसदी तक फायदा कराया है।

फंड का नाम5 साल का सालाना रिटर्न
एचडीएफसी रिटायरमेंट सेविंग्स फंड - इक्विटी प्लान21.92 फीसदी
एचडीएफसी रिटायरमेंट सेविंग्स फंड - हाइब्रिड इक्विटी प्लान16.1 फीसदी
निप्पॉन इंडिया रिटायरमेंट फंड - वेल्थ क्रिएशन स्कीम12.24 फीसदी
टाटा रिटायरमेंट सेविंग्स प्रोग्रेसिव प्लान12.08 फीसदी
टाटा रिटायरमेंट सेविंग्स मोडरेट फंड11.85 फीसदी
ये रिटर्न ईटी मनी के डेटा के मुताबिक है।

इन चीजों का ध्यान रखना जरूरी

हालांकि ऐसा नहीं है कि केवल रिटर्न के आधार पर आप म्यूचुअल फंड को चुनें। हर व्यक्ति अपनी जरूरतों और जोखिम लेने की क्षमता को जरूर देखे और उसके बाद कोई ऑप्शन चुने। म्यूचुअल फंड का एक फायदा यह है कि आपको डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है और इन्हें प्रोफेश्नल्स संभालते हैं।

दूसरी ओर, एससीएसएस गारंटीड रिटर्न और स्थिरता देते हैं। इससे यह रेगुलर आय चाहने वालों के लिए जोखिम से बचकर एक अच्छा निवेश ऑप्शन बन जाता है।

डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर दो निवेश ऑप्शनों की जानकारी दी गई है, निवेश की सलाह नहीं। हर निवेश ऑप्शन के अपने जोखिम हो सकते हैं। इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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