CGAS Account: क्या है Capital Gains Account, कैसे बचाता है ये टैक्स, जानें खाता खुलवाने का तरीका
Capital Gains Account Scheme: कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम (सीएजीएस) 1988 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी। सीएजीएस बैंक में जमा की गई FD है, जिसका उपयोग केवल धारा 54 से 54जीबी के तहत क्लेम की गई टैक्स छूट के उद्देश्य से किया जा सकता है।
क्या है कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम
मुख्य बातें
- कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम है फायदेमंद
- टैक्स बचाने में मददगार
- 1988 में हुई थी शुरुआत
Capital Gains Account Scheme: जब आप कोई कैपिटल एसेट (प्रॉपर्टी आदि) बेचते हैं, तो आपको उसे बेचने पर मिलने वाली राशि को कैपिटल गेन्स कहा जाता है। ऐसे कैपिटल गेन्स को फिर से निवेश करने को प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सरकार इस शर्त पर टैक्स बेनेफिट प्रदान करती है कि कैपिटल गेन्स को निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ तय संपत्तियों में फिर से निवेश किया जाए। हालांकि, कभी-कभी समय सीमा लंबी होती है और रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन से अधिक हो जाती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि निवेशक टैक्स बेनेफिट और टैक्स डिडक्शन से वंचित न रहे, पूंजीगत लाभ खाता योजना (Capital Gains Account Scheme) शुरू की गई थी।
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मिलती है टैक्स छूट
कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम (सीएजीएस) 1988 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी। सीएजीएस बैंक में जमा की गई FD है, जिसका उपयोग केवल धारा 54 से 54जीबी के तहत क्लेम की गई टैक्स छूट के उद्देश्य से किया जा सकता है।
कौन और कैसे खोल सकता है सीएजीएस खाता
सीजीएएस योजना केवल भारतीय निवासियों के लिए लागू है। NRI को नॉन-रेसिडेंट सीजीएएस खाता खोलना होगा। संपत्ति की बिक्री से कैपिटल गेन्स का प्रूफ पेश करना होगा। ये खाता खोलने के लिए, अधिकृत बैंक शाखा में जाएं और फॉर्म भरें। आपको PAN कार्ड, एडरेस प्रूफ और संपत्ति की बिक्री की डिटेल देनी होगी।
खाता खोलने के बाद टैक्स बेनेफिट के लिए तय डेडलाइन के अंदर संपत्ति बेचकर मिला पैसा जमा करें और वो भी यह सुनिश्चित करते हुए कि जो पैसा आप जमा कर रहे हैं वो संपत्ति की बिक्री से मिले पैसे ज्यादा न हो।
पैसा निकालने की है अनुमति
टैक्सपेयर्स टैक्स छूट का क्लेम करने के लिए एलिजिबल एसेट्स (जिन संपत्तियों में निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है) में पुनर्निवेश के उद्देश्य से अपने CGAS खाते से पैसा निकाल सकते हैं। निकाली गई राशि का उपयोग आयकर अधिनियम की धारा 54 या धारा 54F के प्रावधानों के अनुसार तय समय सीमा के भीतर किया जाना चाहिए
आपको सीजीएएस नियमों का पालन करना होगा, दस्तावेज मैंटेन करने होंगे और सुचारू लेनदेन सुनिश्चित करने, जुर्माने या टैक्स संबंधी समस्याओं से बचने के लिए पैसे की निकासी पर नजर रखें।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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