What Is GMP: क्या होता है IPO का GMP, शेयर मार्केट में देता है प्रॉफिट का इशारा
What Is GMP In IPO: अगर किसी कंपनी के शेयरों के लिए आईपीओ में प्राइस 100 रु है। जबकि शेयर का जीएमपी 30 रु है तो उम्मीद रहेगी लिस्टिंग पर ये शेयर फाइनल प्राइस से 30 रु प्रति शेयर (30 फीसदी रिटर्न) का प्रॉफिट देगा। जितना अधिक जीएमपी उतने अधिक प्रॉफिट की उम्मीद।
आईपीओ में जीएमपी क्या है?
- IPO के लिए GMP अहम
- निवेशकों की GMP पर रहती है नजर
- जितना अधिक GMP उतने ज्यादा प्रॉफिट की उम्मीद
What Is GMP In IPO: जब कोई कंपनी शेयर बाजार में अपनी लिस्टिंग से पहले IPO लाती है, तो निवेशकों की नजर उसके शेयर के ग्रे-मार्केट प्रीमियम (GMP) पर होती है। जितना अधिक जीएमपी होता है, उतना अधिक निवेशकों को शेयर की लिस्टिंग पर प्रॉफिट की उम्मीद रहती है और उतना ही ज्यादा उस आईपीओ को सब्सक्राइब करने की निवेशकों के बीच हौड़ रहती है। निवेशकों के लिए किसी आईपीओ में पैसा लगाने के लिए कंपनी के फंडामेंटल के साथ-साथ जीएमपी भी बहुत अधिक अहम है। मगर जीएमपी होता क्या है, हम आपको आगे इसकी जानकारी देंगे।
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क्या होता है GMP
ग्रे मार्केट एक अनऑफिशियल और इनफॉर्मल मार्केट है जहां किसी आईपीओ से पहले उस कंपनी के शेयरों में ट्रेड किया जाता है। इसे अनलिस्टेड मार्केट भी कहा जाता है। स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने से पहले इसी मार्केट में आईपीओ लाने वाली कंपनी के शेयरों में लेन-देन होती है।
यह मार्केट आईपीओ लाने वाली कंपनी के शेयरों को लेकर रुझान और मांग का अंदाजा देती है। वे प्रीमियम प्राइस जो एक निवेशक ग्रे मार्केट में आईपीओ प्राइस से अधिक भुगतान करने को तैयार होता है, उसे ग्रे मार्केट प्रीमियम कहा जाता है।
क्या जीएमपी आईपीओ के लिए एक अच्छा संकेतक है?
हां। अगर किसी कंपनी के शेयरों के लिए आईपीओ में प्राइस 100 रु है। जबकि शेयर का जीएमपी 30 रु है तो उम्मीद रहेगी लिस्टिंग पर ये शेयर फाइनल प्राइस से 30 रु प्रति शेयर (30 फीसदी रिटर्न) का प्रॉफिट देगा। जितना अधिक जीएमपी उतने अधिक प्रॉफिट की उम्मीद।
आईपीओ प्राइस और जीएमपी के बीच क्या अंतर है?
आईपीओ में कोई कंपनी शेयरों के लिए पहले प्राइस बैंड घोषित करती है। फिर फाइनल प्राइस तय करती है। जबकि जीएमपी वो प्रीमियम होता है, जो ग्रे-मार्केट के निवेशक शेयर की कीमत के ऊपर चुकाने को तैयार होते हैं।
यदि जीएमपी अधिक हो तो क्या होगा?
इसका सीधा सा जवाब है अधिक फायदा। जैसा कि हमने ऊपर एक उदाहरण से समझाया है कि आईपीओ में शेयर प्राइस 100 रु है, जबकि जीएमपी 30 रु तो रिटर्न 30 फीसदी होगा। अगर यही जीएमपी बढ़ जाए तो प्रॉफिट और भी ज्यादा होगा।
घटता-बढ़ता है जीएमपी
मगर ध्यान रहे कि आईपीओ खुलने के पहले से लेकर शेयर की लिस्टिंग तक किसी कंपनी के शेयर का जीएमपी घटता-बढ़ता है। इसलिए जीएमपी पर लगातार नजर रखें।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर IPO GMP की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
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