Momentum Trading Strategy: क्या है मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी, कैसे होता है प्रॉफिट, यहां जानें सब कुछ

Momentum Trading Strategy: मोमेंटम ट्रेडिंग में किसी ऐसे एसेट (शेयर आदि) को खरीदा जाता है, जिसकी कीमत या वॉल्यूम में बहुत अधिक मूवमेंट देखा गया हो। मोमेंटम ट्रेडिंग के तहत किसी एसेट को अधिक कीमत पर खरीदा जाता है और फिर और भी अधिक कीमत पर बेचा जाता है। यही मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है।

क्या है मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी

मुख्य बातें
  • मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी से कमाते हैं निवेशक
  • इस स्ट्रैटेजी में होता है रिस्क
  • हाई वैल्यूएशन पर भी की जाती है खरीदारी
Momentum Trading Strategy: शेयर बाजार में आम तौर पर माना जाता है कि जब गिरावट आए तो खरीदारी करो और जब तेजी आए तो बिकवाली करो। मगर इस परंपरागत इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी के अलावा भी कई रणनीतियां हैं, जो काफी फेमस हैं। इनमें मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी (Momentum Trading Strategy) भी शामिल है। आज हम आपको मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी के बारे में विस्तार से बताएंगे। मोमेंटम ट्रेडिंग एक ऐसी स्ट्रैटेजी है जिसका टार्गेट मार्केट में मौजूदा ट्रेंड से प्रॉफिट कमाना होता है। मोमेंटम ट्रेडर्स आम तौर पर किसी एक दिशा में तेजी से बढ़ती हुई एसेट (शेयर, गोल्ड आदि) को खरीदते या बेचते हैं और जब यह रफ्तार पलटने के संकेत दिखते हैं तो वे बाहर निकल जाते हैं।
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ये होता है कमाई का तरीका

मोमेंटम ट्रेडिंग में किसी ऐसे एसेट (शेयर आदि) को खरीदा जाता है, जिसकी कीमत या वॉल्यूम में बहुत अधिक मूवमेंट देखा गया हो। मोमेंटम ट्रेडिंग के तहत किसी एसेट को अधिक कीमत पर खरीदा जाता है और फिर और भी अधिक कीमत पर बेचा जाता है। यही मोमेंटम ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है।
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