अब पेपरलेस होम लोन, घटेगी लगात, फटाफट मिलेगा लोन, इस तरह घर बैठे मिलेगा फायदा

Paperless Home loan: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पेपरलेस होम के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसमें होम लोन को डिजिटल कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसे देखते हुए आने वाले समय में ऐसा हो सकता है कि होम लोन अकाउंट डिजिटल रुप में जेनरेट हो जाएगा, जैसे अभी शेयर मार्केट के लिए डीमैट अकाउंट का इलेक्ट्रॉनिक जेनरेशन होता है।

Paperless Home loan

पेपरलेस होम लोन के फायदे

मुख्य बातें
  • पेपरलेस होम लोन के बाद घट जाएगी होम लोन की लागत
  • बैंक कम कर सकते हैं प्रोसेसिंग फीस।
  • एक से 2 दिन मिल सकता है होम लोन।

Paperless Home loan: वह दिन अब दूर नहीं जब आपको होम लोन के लिए बैंक और फाइनेंस कंपनियों के ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सब कुछ घर बैठे होगा। यही सारे दस्तावेज भी डिजिटल रूप में अपलोड और वैरिफाई होंगे। यानी ऑनलाइन ही सब कुछ हो जाएगाा। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बड़ी पहल कर दी है। मंत्रालय ने होम लोन को डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन की कैटेगरी में शामिल कर दिया है। और अब बैंक इसके आधार पर जरूरी बदलाव कर रहे हैं। इसे देखते हुए आने वाले समय में ऐसा हो सकता है कि होम लोन अकाउंट डिजिटल रुप में जेनरेट हो जाएगा, जैसे अभी शेयर मार्केट के लिए डीमैट अकाउंट का इलेक्ट्रॉनिक जेनरेशन होता है। इस पहल से घर खरीददार और होम लोन देने वाले बैंक कंपनियों और फाइनेंस कंपनियों के बीच कॉन्ट्रैक्ट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में उपलब्ध होगा। यानी बैंक के पास घर के दस्तावेज कागज के रूप में नहीं रहेंगे।

क्या है तैयारी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पेपरलेस होम के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसमें होम लोन को डिजिटल कैटेगरी में शामिल किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल ई गवर्नेंस सर्विस (NESL) के एमडी और सीईओ देव ज्योति रॉय चौधरी ने इंडियन बैंक एसोसिएशन बैंकिंग टेक्नॉलिजी के कॉन्फ्रेंस में कहा कि एनईएसएल बैंकों को होम लोम की डिजिटल प्रक्रिया उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। बैंकों का मानना है कि लोन की डिजिटल प्रक्रिया से लोन लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

पेपरलेस होने से घटेगी लागत

अभी होम लोन लेते समय ग्राहकों को लंबे डॉक्यूमेंटेशन से गुजरना पड़ता है। इसमें प्रॉपर्टी के पेपर, नक्शे से लेकर ग्राहक के आधार कार्ड, पैन कार्ड और दूसरे सभी जरूरी दस्तावेज फिजिकल फॉर्म में जमा करने होते हैं। इसके लिए ग्राहकों को प्रोसेसिंग फीस भी लोन राशि के 0.25 फीसदी से लेकर 1.5 फीसदी के बराबर देनी पड़ती है। पेपरलेस होम लोन प्रक्रिया में बैंकों की लागत घटेगी। जिसका सीधा फायदा कम प्रेसेसिंग फीस के रूप में ग्राहकों को मिलेगा।

जल्द मिलेगा लोन

पेपरलेस प्रक्रिया होने से लोन मिलने में लगने वाला समय भी कम होगा। ऐसा संभव हो सकता है कि इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक एक से दो दिन में होम ग्राहक की राशि के अकाउंट में डिपॉजिट कर दें। अभी आम तौर पर सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी चेक बनने और दूसरे काम होने में 15-20 दिन का समय लग जाता है।

डिजिटल लॉकर का हो सकता है अहम रोल

चूंकि यह पूरी प्रक्रिया पेपरलेस होगी और डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन का काम ऑनलाइन होगा। ऐसे में डिजिटल लॉकर का रोल अहम हो सकता है। जिन ग्राहकों के डॉक्यूमेंट्स इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में डिजिटल लॉकर में डिपॉजिट होगा। उनके लिए डिजिटल लॉकर से वैरिफिकेशन कराना आसान होगा। ऐसे में जब बैंक पेपरलेस होम लोन की शुरूआत करेंगे तो डिजिटल लॉकर का रोल अहम हो सकता है।

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