What is stop-loss: स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या है? जानते हैं लगाने का सही तरीका, फिर हुआ मार्केट क्रैश तो बनेगा कवच
What is stop-loss: शेयर बाजार में स्टॉप-लॉस ऑर्डर आपके निवेश को बड़े नुकसान से बचाने का एक स्मार्ट तरीका है। यह एक निश्चित कीमत पर अपने आप सक्रिय हो जाता है, जिससे आपका स्टॉक खुद-ब-खुद बिक जाता है। लेकिन क्या यह हर निवेशक के लिए सही है? जानिए इसके फायदे, नुकसान और सही इस्तेमाल की रणनीति।

स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या है? जानें फायदे, नुकसान और इस्तेमाल की सही रणनीति।
What is stop-loss: शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक महत्वपूर्ण टूल साबित होता है। यह ऑर्डर एक निश्चित कीमत पर अपने आप सक्रिय हो जाता है और स्टॉक को बाजार मूल्य पर बेच या खरीद लिया जाता है। यह अस्थिर बाजार स्थितियों में विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
How does stop-loss order work: स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे काम करता है?
अगर कोई निवेशक ₹50 प्रति शेयर के भाव पर स्टॉक खरीदता है और स्टॉप-लॉस ₹40 तय करता है, तो यदि शेयर की कीमत ₹40 से नीचे जाती है, तो यह ऑर्डर अपने आप सक्रिय हो जाएगा और शेयर बेच दिया जाएगा। इससे अधिक नुकसान होने से बचा जा सकता है।
How to Place a Stop Loss Order: स्टॉप-लॉस ऑर्डर कैसे दें
1. स्टॉप लॉस प्राइस तय करें
संभावित नुकसान को सीमित करने के लिए आप किस कीमत पर व्यापार से बाहर निकलना चाहते हैं, इसका निर्णय लें।
2. ऑर्डर प्रकार तय करें
अधिकांश ब्रोकर स्टॉप-लॉस ऑर्डर को "स्टॉप-लॉस लिमिट" या "स्टॉप-लॉस मार्केट" के रूप में पेश करते हैं।
3. स्टॉप-लॉस लिमिट
आप ट्रिगर मूल्य (वह मूल्य जिस पर ऑर्डर सक्रिय होता है) और सीमा मूल्य (वह अधिकतम मूल्य जिस पर आप बेचना चाहते हैं) दोनों निर्दिष्ट करते हैं।
4. स्टॉप-लॉस मार्केट
आप केवल ट्रिगर मूल्य निर्दिष्ट करते हैं, और ट्रिगर मूल्य पर पहुंचने पर ऑर्डर सर्वोत्तम उपलब्ध बाजार मूल्य पर निष्पादित किया जाएगा।
5. ऑर्डर दर्ज करें
अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर विवरण दर्ज करें, जिसमें प्रतिभूति, मात्रा, ऑर्डर का प्रकार, स्टॉप मूल्य (और सीमा मूल्य, यदि लागू हो) और कोई अन्य प्रासंगिक जानकारी शामिल है।
6. ऑर्डर कंफर्म करें
विवरण की समीक्षा करें और अपने ब्रोकर के पास ऑर्डर देने की पुष्टि करें।
उदाहरण: मान लीजिए आप ₹1000 में एक शेयर खरीदते हैं और अपना नुकसान 50 रुपये तक सीमित रखना चाहते हैं। तो आप 950 रुपये के ट्रिगर प्राइस के साथ स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट कर सकते हैं (जब मूल्य इस लेवल तक गिरेगा है, तो ऑर्डर एक्टिव हो जाएगा)। तो स्टॉक ऑटोमैटिक तरीके से बिक जाएगा। और आप नुकसान से बच जाएंगे। यदि आप कोई लिमिट प्राइस तय करना चाहते हैं, तो आप इसे ₹945 (वह मूल्य जिस पर ट्रिगर सक्रिय होने के बाद स्टॉक बेचा जाएगा) पर सेट कर सकते हैं।
Benefits of Stop-Loss Orders: स्टॉप-लॉस ऑर्डर के फायदे
1. नए निवेशकों के लिए फायदेमंद
पहली बार निवेश करने वालों को यह ऑर्डर भावनात्मक फैसले लेने से बचाता है।
2. जोखिम कम करता है
संभावित नुकसान को सीमित करता है और बाजार में अस्थिरता से बचाता है।
3. अत्यधिक उतार-चढ़ाव में मददगार
जब बाजार बहुत अस्थिर होता है, तब स्टॉप-लॉस ऑर्डर नुकसान को नियंत्रित करता है।
5. ऑटोमैटिक प्रोसेस
लगातार बाजार पर नजर रखने की जरूरत नहीं पड़ती।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर के नुकसान
- बाजार में अस्थायी गिरावट होने पर स्टॉक बिक सकता है, जबकि बाद में कीमत बढ़ सकती है।
- स्टॉप-लॉस सक्रिय होने पर वास्तविक बिक्री मूल्य कम हो सकता है, जिससे अधिक नुकसान हो सकता है।
- यह उन निवेशकों के लिए सही नहीं है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं।
- अत्यधिक अस्थिरता के दौरान स्टॉप-लॉस बार-बार सक्रिय हो सकता है, जिससे लेन-देन लागत बढ़ जाती है।
क्या आपको स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करना चाहिए?
यदि आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग करते हैं और जोखिम को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक स्मार्ट रणनीति हो सकती है। हालांकि, लॉन्ग-टर्म निवेशकों को इसे सावधानी से उपयोग करना चाहिए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

Step-Up SIP Benefits: क्या होती है Step-Up SIP, म्यूचुअल फंड का बढ़ा देती है रिटर्न, जान लीजिए डिटेल

Upcoming IPO: अगले हफ्ते खुलने जा रहे 9 IPO, जमकर पैसा लगाने का मौका, चेक करें सबसे सस्ता शेयर होगा किसका

Stock Market Outlook: अगले हफ्ते शेयर बाजार के लिए कई फैक्टर्स पर रखें नजर, IIP डेटा, फेड मिनट्स और घरेलू आर्थिक आंकड़ों से तय होगी मार्केट की चाल

सप्ताह भर में सेंसेक्स 609 अंक टूटा, सेंसेक्स की 6 दिग्गज कंपनियों को 78000 करोड़ का घाटा, जानें Reliance का हाल

REC vs PFC: किस पावर स्टॉक में है ज्यादा दम? जानें 2025 के लिए एक्सपर्ट की राय
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited