Sweat शेयर क्या है, यह कैसे काम करता है, अन्य शेयरों से कितना अलग

Sweat Equity Share: शेयर बाजारों में स्वेट इक्विटी की चर्चा न के बराबर होती है। लेकिन इसका उपयोग कॉर्पोरेट जगत, रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में किया जाता है। ऐसे शेयरों को कंपनी के कर्मचारियों या किसी अन्य को सस्ते मूल्य पर आवंटित किए जाते हैं।

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जानिए स्वेट शेयर क्या है

Sweat Equity Share: स्वेट इक्विटी शब्द का तात्पर्य किसी बिजनेस वेंचर या अन्य प्रोजेक्ट के लिए किसी व्यक्ति या कंपनी के योगदान से है। स्वेट इक्विटी शेयरों से मतलब ऐसे शेयरों से है, जो कंपनी के कर्मचारियों या किसी अन्य को सस्ते मूल्य पर आवंटित किए गए हों या फिर कोई टैक्नोलॉजी या बौद्धिक संपदा अधिकार कंपनी को उपलब्ध कराने या कोई अन्य वैल्यू एडिशन करने की एवज में फ्री या सस्ती कीमत पर कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए हों।

कैसे काम करता है Sweat Equity शेयर

स्वेट इक्विटी मूल रूप से किसी के माथे के पसीने से उत्पन्न वैल्यू सुधारों को संदर्भित करती है। इसलिए जब लोग कहते हैं कि वे स्वेट इक्विटी का उपयोग करते हैं तो उनका मतलब किसी खास प्रोजेक्ट या वेंचर के मूल्य को बढ़ावा देने के लिए उनके शारीरिक श्रम, मानसिक क्षमता और टाइम से है। यह शब्द आमतौर पर रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में उपयोग किया जाता है। स्वेट इक्विटी का उपयोग घर के मालिक द्वारा होम ऑनरशिप की लागत को कम करने के लिए किया जा सकता है। रियल एस्टेट निवेशक जो फायदे के लिए मकान बदलते हैं, वे संपत्तियों को बाजार में लाने से पहले उनकी मरम्मत और रिनोवेशन करके अपने लाभ के लिए स्वेट इक्विटी का उपयोग कर सकते हैं। बढ़ई, पेंटर और ठेकेदारों को भुगतान करना बेहद महंगा पड़ सकता है इसलिए जब बेचने का समय आता है तो स्वेट इक्विटी का उपयोग करके स्वयं का रिनोवेशन फायदेमंद हो सकता है।

कॉर्पोरेट जगत का महत्वपूर्ण हिस्सा है Sweat Equity

स्वेट इक्विटी भी कॉर्पोरेट जगत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कंपनी के मालिकों और कर्मचारियों द्वारा योगदान किए गए प्रयास और परिश्रम से वैल्यू बनाता है। नकदी की कमी वाले स्टार्टअप में मालिक और कर्मचारी आम तौर पर कंपनी में हिस्सेदारी के बदले में अपने बाजार मूल्यों से कम वेतन स्वीकार करते हैं, जिससे उन्हें उम्मीद होती है कि जब व्यवसाय अंततः बेचा जाएगा तो उन्हें लाभ होगा।

Sweat Equity का लॉक-इन पीरिएड तीन साल

शेयर बाजारों पर निगरानी रखने वाली संस्था सेबी (SEBI) ने स्पेशल कैटेगरी के स्वीट इक्विटी (Sweat Equity) शेयरों के लिए तीन वर्ष का लॉन इन पीरिएड निर्धारित किया है। इसका मतलब यह कि आवंटन की तारीख से 3 साल तक इन्हें किसी दूसरे को बेचा नहीं जा सकता है। सामान्य इक्विटी शेयरों की तरह यह शेयर बाजारों में लिस्टेड होंगे।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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