Small, Mid और Large कैप कंपनियों में क्या होता है फर्क, जानें जोखिम से लेकर मार्केट कैप तक की डिटेल

Small, Mid & Large Cap Companies: सेबी ने कंपनियों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटने के लिए स्टैंडर्ड तय किए हैं। मार्केट कैपिटल के आधार पर शेयर बाजार में लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों को लार्ज-कैप कंपनियों की कैटेगरी में रखा जाता है। इनमें SBI, HDFC Bank, विप्रो, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

Small, Mid और Large कैप कंपनियों में अंतर

मुख्य बातें
  • स्मॉल, मिड और लार्ज कैप कंपनियों में होता है अंतर
  • मार्केट कैप के आधार पर होता है फर्क
  • लार्ज कैप कंपनियों को माना जाता सेफ

Small, Mid & Large Cap Companies: यदि आप शेयर बाजार के नए निवेशक हैं या शेयर बाजार की दुनिया में कदम रखने की सोच रहे हैं, तो आपको शेयर बाजार से जुड़ी कुछ बुनियादी बातों का पता होना चाहिए। शेयर बाजार की बेसिक जानकारी में मार्केट कैपिटल (मार्केट साइज) के हिसाब से कंपनियों की अलग-अलग कैटेगरी का पता होना जरूरी है। इनमें लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल कैप कंपनियां शामिल हैं। निवेशक अकसर इन शब्दों को सुनते-पढ़ते होंगे, मगर इनकी जानकारी सभी को नहीं होती। आगे हम आपको यहां बताएंगे कि इन कैटेगरी की कंपनियों के बारे में।

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लार्ज-कैप कंपनियाँ कौन सी हैं

सेबी ने कंपनियों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटने के लिए स्टैंडर्ड तय किए हैं। मार्केट कैपिटल के आधार पर शेयर बाजार में लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों को लार्ज-कैप कंपनियों की कैटेगरी में रखा जाता है। इनमें SBI, HDFC Bank, विप्रो, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

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