रेपो रेट का लोन की EMI और FD ब्याज दरों पर क्या प्रभाव पड़ता है, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इसे 6.5 फीसदी पर कायम रखा। इससे लोन की ईएमआई और एफडी ब्याज दरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते है एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
रेपो रेट का लोन ईएमआई और एफडी ब्याज रेट पर क्या प्रभाव पड़ेगा (तस्वीर-Canva/BCCL)
Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 07 जून 2024 को मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में उम्मीद के मुताबिक नीतिगत रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 फीसदी पर कायम रखा। मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच महंगाई को काबू में रखने के प्रयास के तहत RBI ने लगातार 8वीं बार रेपो रेट को यथावत रखा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की पांच जून को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने लगातार 8वीं बार नीतिगत रेट को यथावत रखने का फैसला किया। साथ ही उदार रुख को वापस लेने के अपने फैसले पर भी कायम रहने का फैसला किया है।
महंगाई दर घटी, GDP बढ़ी
इस पर बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि महंगाई दर घट रही है और GDP वृद्धि भी सही दिशा में जा रही है। इस समय RBI ने समझदारी से निर्णय लिया है कि वह अपनी सतर्कता कम नहीं करेगा बल्कि यह सुनिश्चित करेगा की महंगाई दर अपने लक्ष्य के साथ टिकाऊ और स्थायी रूप से एलाइन हो। लगातार 8वीं बार भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने मजबूत विकास गति के बीच अपने द्विमासिक ब्याज दर निर्णय में रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई दर 11 महीने के निचले स्तर 4.83% पर पहुंच गई, जो RBI के 2-6% के सहनशीलता बैंड के भीतर रही।
EMI पर क्या प्रभाव पड़ेगा
शेट्टी ने कहा कि उधारकर्ताओं को लोन पर निरंतर उच्च ब्याज दरों का सामना करना पड़ सकता है। चूंकि रेपो रेट सीधे उधार दरों को प्रभावित करती है अपरिवर्तित दर का मतलब है कि मौजूदा लोन 6.50 पर ऊंचे रेपो रेट पर बेंचमार्क बने रहेंगे, साथ ही नए लोन को पुराने लोन की तुलना में कम स्प्रेड के साथ पेश किए जाने की संभावना है। भविष्य में किसी भी दर में कटौती से दरें कम होंगी, जिससे लोन उधारकर्ताओं को भुगतान करने वाली EMI कम हो जाएगी। हालांकि इससे तय ब्याज वाले लोन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
FD ब्याज दरों पर प्रभाव
जैसे-जैसे दरों में कटौती का इंतजार जारी रहेगा। उधार लेने की लागत बढ़ने की संभावना है। हालांकि एफडी पर ब्याज दरें भी बढ़ने की उम्मीद है। बैंक अधिक जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश कर रहे हैं। यह दरों की निगरानी करने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि बैंक अधिक जमा को आकर्षित करने के लिए एफडी पर उच्च ब्याज दरों की पेशकश कर सकते हैं क्योंकि वे अपनी उधार और जमा दरों को संतुलित करने का प्रयास करते हैं। इससे जमाकर्ताओं के लिए अपनी जमा राशि पर उच्च रिटर्न लॉक करने का यह अनुकूल समय बन गया है।
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