What is China's +1 strategy: ये ‘चीन प्लस वन’ स्ट्रैटजी क्या है? जिस पर जापानी कंपनियों की भारत पर नजर
What is China's +1 strategy: जापानी कंपनियां अपनी ‘चीन प्लस वन’ रणनीति के तहत भारत को एक नए विनिर्माण और आपूर्ति केंद्र के रूप में देख रही हैं। कोविड-19 के बाद, चीन पर निर्भरता कम करने के प्रयासों में भारत एक आकर्षक विकल्प बन गया है। इसके पीछे भारत का बड़ा घरेलू बाजार, प्रतिस्पर्धी श्रम लागत और मजबूत व्यापारिक नेटवर्क मुख्य कारण हैं। जापान सरकार भी इस बदलाव का समर्थन कर रही है, जिससे भारत में निवेश को बढ़ावा मिल रहा है।

जापान छोड़ रहा चीन का साथ
- जापानी कंपनियां अब चीन की बजाय भारत में निवेश और उत्पादन सुविधाएं स्थापित कर रही हैं।
- भारत का विशाल बाजार, सस्ती श्रम लागत और वैश्विक व्यापार नेटवर्क इसे जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।
- जापान सरकार दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत में उत्पादन स्थानांतरित करने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित कर रही है।
Increasing trust of Japanese companies in India: कोविड-19 महामारी के बाद जापानी कंपनियां अपनी आपूर्ति शृंखला में विविधता लाने के उद्देश्य से भारत की ओर रुख कर रही हैं। वे चीन पर निर्भरता कम करने के लिए ‘चीन प्लस वन’ रणनीति अपना रही हैं, जिसमें भारत एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।
विकल्प के रूप में भारत की अहमियत
डेलॉयट जापान के सीईओ केनिची किमुरा के अनुसार, कई जापानी कंपनियां न केवल विनिर्माण के लिए, बल्कि भारत को पश्चिम एशिया और अफ्रीका जैसे उभरते बाजारों में प्रवेश के लिए भी एक महत्वपूर्ण गेटवे के रूप में देख रही हैं।
भारत के पक्ष में क्या हैं मजबूत पहलू?
भारत का विशाल घरेलू बाजार और प्रतिस्पर्धी श्रम लागत इसे जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है। इसके अलावा, भारत का मजबूत व्यापारिक और प्रतिभा नेटवर्क भी कंपनियों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
जापान सरकार का सहयोग
जापान सरकार भी कंपनियों को दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है। रणनीतिक साझेदारियों के जरिए, जापानी कंपनियां भारत में अपना विस्तार कर रही हैं और इसे अपनी वैश्विक आपूर्ति शृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बना रही हैं।
चीन प्लस वन (China +1) रणनीति क्या है?
‘चीन प्लस वन’ (China +1) रणनीति एक व्यावसायिक और आर्थिक रणनीति है, जिसमें वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए विकल्प के तौर पर अन्य देशों में निवेश कर रही हैं।
क्यों आई यह रणनीति?
1. चीन पर अत्यधिक निर्भरता: कई कंपनियों का उत्पादन चीन पर केंद्रित था, लेकिन महंगे श्रम, व्यापार युद्धों, और सख्त सरकारी नीतियों के कारण कंपनियां वैकल्पिक स्थान ढूंढ रही हैं।
2. कोविड-19 का प्रभाव: महामारी के दौरान चीन की आपूर्ति शृंखला बाधित हुई, जिससे कंपनियों को उत्पादन के लिए नए स्थानों की आवश्यकता महसूस हुई।
3. सरकारी नीतियां: कई देशों ने चीन से आने वाले उत्पादों पर नए टैक्स और प्रतिबंध लगाए, जिससे कंपनियों को अन्य देशों में निवेश करने की प्रेरणा मिली।
‘+1’ के तहत कौन से देश शामिल हैं?
कंपनियां अब भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, और मैक्सिको जैसे देशों में उत्पादन सुविधाएं स्थापित कर रही हैं।
भाषा इनपुट के साथ
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

Stock Market: सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त उछाल, सनफार्मा, टाटा मोटर्स हरे रंग में

TCS Salary Increment: क्या इस साल टीसीएस में नहीं होगी सैलरी बढ़ोतरी? जानिए कंपनी ने क्यों टाली वेतनवृद्धि

8th Pay Commission: क्या सरकार CGHS की जगह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लाएगी नई हेल्थकेयर स्कीम?

Gold-Silver Price Today 11 April 2025: सोने में रिकॉर्ड तेजी जारी, चांदी में भी उछाल, जानें अपने शहर का रेट

Gold Price Today: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा सोना, रातों-रात ऐसा क्या हुआ, जानिए बड़ी वजहें
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited