Stock Market Investment Strategy: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में आपकी निवेश रणनीति क्या होनी चाहिए? इन 6 बातों पर दें ध्यान

Investment Strategies for Extremely Volatile Markets in Hindi: शेयर बाजार में उठा-पटक के बीच आपकी निवेश रणनीति क्या होनी चाहिए? क्या आपको निवेश बनाए रखना चाहिए या उसे भुना लेना चाहिए? आइए कुछ रणनीतियों के बारे में जानते हैं जिन्हें आप इस तरह के तूफान आने पर बाहर निकलने के लिए अपना सकते हैं।

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शेयर बाजार में निवेश की रणनीति (तस्वीर-Canva)

Investment Strategies for Extremely Volatile Markets: लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। ऐतिहासिक रूप से शेयर बाजार को चुनाव के नतीजों से प्रभावित किया। एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों के बाद सेंसेक्स में 3.39% की उछाल देखी गई लेकिन अगले दिन चुनाव के नतीजे आने के साथ ही इसमें भारी गिरावट आ गई। 4 जून को सेंसेक्स में 5.74% की गिरावट देखी गई। फिर बाद में धीरे-धीरे सेंसेक्स पटरी पर आने लगा। एक निवेशक के तौर पर बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में आपकी निवेश रणनीति क्या होनी चाहिए? क्या आपको निवेश बनाए रखना चाहिए या उसे भुना लेना चाहिए? क्या आपको अपने निवेश में और इजाफा करना चाहिए? आइए कुछ रणनीतियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें आप इस तरह के तूफान आने पर बाहर निकलने के लिए अपना सकते हैं और साथ ही इसमें अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।

अस्थिर शेयर बाज़ारों के लिए 5 निवेश रणनीतियाँ ( 5 Investment Strategies for Volatile Stock Markets 2024)

बाजार की अस्थिरता को समझें

अस्थिरता शेयर बाजार का एक अंतर्निहित पहलू है जिसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है। जब अस्थिरता नीचे की ओर जाती है तो सुधार होता है। किसी भी समय 2-5% का सुधार सामान्य माना जाता है और इसे आपकी निवेश रणनीति में शामिल किया जाना चाहिए। जब सुधार 10% से अधिक हो जाता है तो आपको स्थिति का लाभ उठाने के लिए रणनीतियों पर विचार करना चाहिए। गहरे सुधारों के बाद अक्सर मजबूत रिकवरी होती है, कुछ ऐसा जो 2000 में डॉट-कॉम बस्ट, 2009 में लेहमैन संकट, 2017-18 में मिड और स्मॉल-कैप टर्नअराउंड और महामारी के बाद बुल रैली के बाद देखा गया था। जो लोग इन अवधियों के दौरान निवेशित रहे या कम मूल्यांकन पर खरीदारी की, वे अक्सर अमीर बन गए और महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त किया।

बाजार का समय न देखें

बाजार की चाल का अनुमान लगाना न केवल चुनौतीपूर्ण है बल्कि जोखिम भरा भी है। यह देखते हुए कि उतार-चढ़ाव अप्रत्याशित हैं, बाजार का समय तय करने से समग्र रिटर्न में कमी आ सकती है। इसके बजाय एक लॉन्ग टर्म निवेश रणनीति तैयार करना समझदारी होगी, जैसे कि एक सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये नियमित योगदान शामिल करना। ऐसा करके आप रुपया लागत औसत रणनीति से लाभ उठा सकते हैं, जहां बाजार की स्थितियों के बावजूद नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है।

अपने SIP जारी रखें

सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अनुशासित निवेश की आदत विकसित करता है। जब इस दृष्टिकोण का पूरी लगन से पालन किया जाता है तो यह आपको समय के साथ महत्वपूर्ण लाभ दे सकता है, जिसमें बाजार में उतार-चढ़ाव की अवधि भी शामिल है। जब बाजार में गिरावट आती है तो SIP आपको कम कीमतों के कारण अधिक यूनिट जमा करने की अनुमति देता है और इसके विपरीत जिससे आपके निवेश की लागत औसत हो जाती है। बाजार में गिरावट के दौरान अपने SIP को रोकना या बंद करना मौलिक रुपया लागत-औसतन रणनीति के खिलाफ है। बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रति अचानक प्रतिक्रिया करने से बचें और अपने समग्र जोखिम को कम करने के लिए निवेशित रहें।

इक्विटी निवेश को भुनाएं नहीं

निवेश को आदर्श रूप से तभी भुनाया जाना चाहिए जब आपके पास धन की कमी हो या निवेश स्वयं मैच्योर के करीब हो। शेयर बाजार में गिरावट निवेश चक्र का एक हिस्सा है और निवेश को भुनाने की जरुरत नहीं है। इसके अलावा बाजार में गिरावट के बाद भुनाने से आपको चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ नहीं मिलेगा, जो आपके निवेश को काफी हद तक बढ़ा सकता है।

अतिरिक्त खरीदारी करें

अस्थिर बाजार ऐसे क्षेत्रों और शेयरों की पहचान करने का एक शानदार अवसर प्रदान करते हैं जो मजबूत बने हुए हैं लेकिन साथ ही वे भी जो भविष्य में वृद्धि के लिए तैयार हैं। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल टारगेट का आकलन करें और ऐसे निवेश चुनें जो आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाने में आपकी मदद करें। SIP जैसा अनुशासित दृष्टिकोण आपके समग्र जोखिम को कम करते हुए आपके निवेश को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है।

एकमुश्त बड़ी रकम निवेश न करें

जब बाजार अस्थिर हो जाता है तो एकमुश्त निवेश करने का यह सही समय नहीं हो सकता है। SIP जैसे तरीकों के जरिए अपने निवेश की लागत को अलग-अलग करना समझदारी है। इससे आप अपने निवेश को कई छोटे-छोटे हिस्सों में फैलाकर अपने निवेश की लागत का औसत निकाल पाएंगे।

अपने लक्ष्यों पर टिके रहें, भटकें नहीं

बाजार में तेज उतार-चढ़ाव के समय, निवेशक अपने घाटे को कम करने और अपने निवेश को भुनाने के लिए ज्यादा इच्छुक हो सकते हैं। ऐसा करने से वे बड़ी तस्वीर को भूल सकते हैं, जो उनके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना है। निवेश करना, खास तौर पर शेयर बाजार में एक ऐसा प्रयास है जो लंबी अवधि में किए जाने पर सबसे अच्छे नतीजे देता है और यही बात आपको याद रखनी चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव निवेश का एक हिस्सा है। निवेशित रहकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके प्रयास आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समर्पित हैं।
दूरदर्शिता की जरुरत होती है। ऊपर बताई गईं रणनीतियां न केवल आपके घाटे को कम करने में आपकी मदद करेंगी, बल्कि वित्तीय लाभ भी दिलाएंगी, जिसका दीर्घकाल में आपके समग्र धन-सृजन की यात्रा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने लिखी है, यह सिर्फ जानकारी के लिए है, किसी भी तरह के निवेश के लिए एक्सपर्ट्स से संपर्क करें)
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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