गेहूं के एक्सपोर्ट पर आगे भी जारी रहेगी रोक, सरकार बोली- देश में पर्याप्त सप्लाई और महंगाई को काबू में रखना जरूरी
Wheat Export Ban: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि देश में गेहूं की पर्याप्त सप्लाई और महंगाई को काबू में रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर लगाई गई रोक आगे भी जारी रहेगी। मंत्री को उम्मीद है कि मार्च में हुई बेमौसम बारिश के बावजूद अच्छी फसल होगी।
देश में पर्याप्त सप्लाई और महंगाई को काबू में रखने के उद्देश्य से गेहूं के निर्यात पर जारी रहेगी रोक
- गेहूं के निर्यात पर लगी रोक जारी रहेगी
- पर्याप्त सप्लाई और महंगाई पर काबू पाना प्राथमिकता
- बेमौसम बारिश के बावजूद अच्छी फसल की उम्मीद
Wheat Export Ban: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि गेहूं के एक्सपोर्ट पर लगाई गई रोक जारी रहेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को अपने घरेलू बाजार के लिए गेहूं की पर्याप्त सप्लाई के साथ-साथ महंगाई पर भी काबू रखना है, जिसे देखते हुए गेहूं के निर्यात को शुरू नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और खरीद के पहले हफ्ते के आंकड़े काफी संतोषजनक हैं।
बेमौसम बारिश के बावजूद अच्छी फसल होने की उम्मीद
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि बेमौसम बारिश के बावजूद फसल अच्छी होगी। हमें भारतीय बाजार के लिए पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करनी होगी और एक बार खरीद की अवधि खत्म होने के बाद ये महत्वपूर्ण होगा कि देश में महंगाई को कम किया जाए और इसलिए ये जरूरी है कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहे।’’
बताते चलें कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को काबू करने के उपायों के तहत मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद
कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है। 1 अप्रैल को एफसीआई के गोदामों में 84 लाख टन गेहूं का स्टॉक होगा। एफसीआई सरकार की वो मुख्य एजेंसी है जो पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) और कल्याणकारी योजनाओं के लिए खाद्यान्न की खरीद और वितरण करती है।
गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में दी गई ढील
इसके अलावा, केंद्र ने किसानों द्वारा गेहूं की संकटग्रस्त बिक्री को रोकने के साथ-साथ उनके हितों की रक्षा के लिए पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है। इन राज्यों के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है, जो कटाई के लिए तैयार थीं। इन राज्य की सरकारों ने खरीद नियमों में ढील देने की मांग की थी।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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