Income Tax: नई से पुरानी टैक्स व्यवस्था में कब और कैसे जा सकते हैं, जानिए इसके लिए क्या करें

Income Tax: अगर आप व्यक्तिगत करदाता (Individual Taxpayer) है और नई टैक्स व्यवस्था (New tax regime) से पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old tax regime) जाना चाहते हैं तो कब और कैसे जा सकते है।

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नई से पुरानी टैक्स व्यवस्था में कैसे जाएं

Income Tax: अगर आप व्यक्तिगत करदाता (Individual Taxpayer) है और पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old tax regime) का विकल्प नहीं चुना है तो नियोक्ता नई टैक्स व्यवस्था (New tax regime) के आधार पर वेतन पर टैक्स (टीडीएस) काट लेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि नई टैक्स व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था बन गई है। क्या कोई कर्मचारी वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स व्यवस्था को बदल सकता है। इसका मतलब यह है कि जो कर्मचारी ने अप्रैल 2023 में नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुना था, वह अपना मन बदल सकता है और फरवरी और मार्च 2024 में पुरानी टैक्स व्यवस्था में जा सकता है। कर्मचारी वित्तीय वर्ष के दौरान कभी भी अपनी टैक्स व्यवस्था बदल सकते हैं। हालांकि यह फाइनेंशियल वर्ष में कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है। हालांकि कुछ नियोक्ता वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारियों को टैक्स व्यवस्था (नए से पुराने या इसके विपरीत) बदलने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।

पहले चुनी गई टैक्स व्यवस्था को कब और बदल सकते हैं?

वर्तमान इनकम टैक्स कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय पुरानी या नई टैक्स व्यवस्था का चयन करने की अनुमति देते हैं। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में वेतन पर टैक्स कटौती के उद्देश्य से जो भी चुना गया हो, टैक्स व्यवस्था को चुना जा सकता है। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि नियोक्ता अपने प्रत्येक कर्मचारी से टैक्स व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगेगा, जिनके पास वेतन से आय है और प्रत्येक कर्मचारी कटौतीकर्ता को इसकी सूचना देगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह सूचना केवल टैक्स कटौती के उद्देश्य से होगी। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स व्यवस्था वेतन पर टीडीएस के लिए सूचना के समय चुनी गई टैक्स व्यवस्था से भिन्न हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति नियोक्ता को सूचना देते समय डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था (नई टैक्स व्यवस्था) का विकल्प चुनता है तो भी वह इनकम रिटर्न दाखिल करते समय पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुन सकता है।

एक टैक्स व्यवस्था से दूसरे में कैसे कर सकते हैं स्विच?

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की सेक्शन 115BAC नई टैक्स व्यवस्था से संबंधित है। यह सेक्शन किसी व्यक्ति को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय प्रत्येक वित्तीय वर्ष (यदि कोई व्यावसायिक आय नहीं है) में टैक्स व्यवस्था का चयन करने की अनुमति देता है। आयकर रिटर्न फॉर्म उस टैक्स व्यवस्था का चयन करने का विकल्प प्रदान करता है जिसके तहत कोई व्यक्ति किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए अपनी आय का मूल्यांकन कराना चाहता है। इनकम टैक्स विभाग हाल ही में एसेसमेंट ईयर 2024-25 टैक्सपेयर्स के लिए इनकम रिटर्न फॉर्म (ITR) जारी दिए हैं। इनमें टैक्स छूट दावों के लिए फॉर्म के साथ ही फॉर्म-10IEA है। उस फॉर्म को भरना होगा। जो टैक्सपेयर्स को नई से पुरानी टैक्स व्यवस्था में आना के लिए भरना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर यह माना जाएगा कि टैक्सपेयर्स ने नई व्यवस्था को अपनाया है। गौर हो कि सभी के लिए नई टैक्स व्यवस्था डिफॉल्ट व्यवस्था है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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