Sahara Refund: सहारा का डूबा पैसा क्या सबको मिलेगा, कहां से आएगा बचा 55000 करोड़

Sahara Refund: सहारा के पैसे रिफंड के इंतजार में हैं। कुछ समय पहले उन्हें एक उम्मीद भी मिली लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी उनके मन में सवाल हैं कि आखिर उनका पैसा मिलेगा या नहीं।

Sahara Refund: सहारा में गाढ़ी कमाई डुबा चुके निवेशकों के लिए 4 अगस्त 2023 को सहारा रिफंड पोर्टल एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है। लेकिन बीते 5 महीनों में जिस तरह से लोगों को अभी पैसे के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, उससे कई निवेशक यह सवाल उठा रहे हैं कि उनका डूबा पैसा मिलेगा या नहीं। क्योंकि अभी कुछ समय पहले तक सरकार निवेशक को अधिकतम केवल 10,000 रुपये की राशि रिफंड कर रही थी। ताजा अपडेट में यह राशि बढ़कर 19,999 रुपये हो चुकी है। और यह राशि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 5000 करोड़ रुपये के फंड तहत दी जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि जब 80,000 करोड़ रुपये का लोगों ने दावा किया है। और सेबी के पास सहारा के केवल 25000 करोड़ रुपये जब्त हैं, तो बाकी पैसा कहां से आएगा। निवेशकों को उम्मीद इसलिए बनी हुई है कि गृह मंत्री अमित शाह यह कई बार कह चुके हैं कि वह निवेशकों का पैसा डूबने नहीं देंगे।

कहां से आएगा पैसा

बात पैसा कहां से आएगा उसकी करें तो इसके लिए सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के दिए गए उत्तर में बताया कि सरकार सहारा समूह से बची हुई धनराशि पाने के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगी। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट पैसे देने का आदेश देती है तो सहारा के कुछ निवेशकों को राहत मिल सकती है। हालांकि सहारा रिफंड के लिए दावेदारों की संख्या और रकम बहुत अधिक है ऐसे में पैसे को वापस मिलने में ज्यादा समय लग सकता है।

दिसंबर 2022 तक कितना हुआ रिफंड

इसके पहले भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था तब जस्टिम एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने अपने आदेश में नौ महीने के भीतर निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया था। 5000 करोड़ रुपए की धनराशि सेबी-सहारा खाते से सेंट्रल रजिस्ट्रार आफ कोआपरेटिव सोसाइटी को ट्रांसफर की गई थी। सहारा ने सेबी- सहारा खते में 15,000 करोड़ रुपए की रकम से ज्यादा इस खाते में जमा कराई, जो ब्याज के साथ बढ़कर 24,000 करोड़ रुपए हो चुकी है। सेबी-सहारा रिफंड खाते से दिसंबर 2022 तक केवल 133 करोड़ रुपए का ही रिफंड किया जा सका।

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