Smart Investment: शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म, किस ऑप्शन में करें निवेश, कहां है ज्यादा फायदा, जानें फायदे-नुकसान
Short Term vs Long Term Investment: निवेश आपकी मेहनत से कमाई गई रकम होती है, जिसे आप किसी टार्गेट को पूरा करने के लिए जोखिम के साथ कहीं लगाते हैं। निवेश आपके पैसे को बढ़ाने और आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को सुरक्षित करने में मदद करने का एक रास्ता होता है। लेकिन जब निवेश की बात आती है, तो लोगों को अक्सर अपने फंड अलॉट करने में कंफ्यूजन होता है कि पैसा कहां लगाया जाए।

लॉन्ग टर्म में अस्थिरता कम रहती है
- शॉर्ट टर्म के हैं अपने फायदे
- मगर नुकसान को भी ध्यान में रखें
- लॉन्ग टर्म में अस्थिरता कम रहती है
Short Term vs Long Term Investment: निवेश आपकी मेहनत से कमाई गई रकम होती है, जिसे आप किसी टार्गेट को पूरा करने के लिए जोखिम के साथ कहीं लगाते हैं। निवेश आपके पैसे को बढ़ाने और आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को सुरक्षित करने में मदद करने का एक रास्ता होता है। लेकिन जब निवेश की बात आती है, तो लोगों को अक्सर अपने फंड अलॉट करने में कंफ्यूजन होता है कि पैसा कहां लगाया जाए। हर निवेशक अलग होता है, उसके टार्गेट, समयसीमा, नॉलेज और जोखिम अलग-अलग होता है। ऐसे में निवेशकों के सामने कई चीजें होती हैं, जो उन्हें तय करनी होती हैं। इनमें से एक है शॉर्ट टर्म के लिए निवेश किया जाए या लॉन्ग टर्म।
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Short Term Investment
शॉर्ट टर्म निवेश अक्सर तीन साल से कम समय के लिए किया जाता है। इनकी लिक्विडिटी और कम जोखिम लेवल के कारण जानकार लॉन्ग टर्म निवेश की तुलना में इन्हें प्राथमिकता देते हैं। इन निवेश ऑप्शनों में कैश इक्विवैलेंट, बॉन्ड और निश्चित आय सिक्योरिटीज जैसे ऑप्शन होते हैं। ये निवेश फंड की सुरक्षा करते हैं और निवेशकों को मिड लेवल का रिटर्न देते हैं।
Short Term Investment के फायदे
- जरूरत के समय जल्दी पैसा निकालने की सुविधा, क्योंकि इनकी मैच्योरिटी अवधि कम होती है
- छोटी अवधि के कारण निवेश के फैसलों में आसानी
- इनमें जल्दी प्रॉफिट की उम्मीद रहती है
Short Term Investment के नुकसान
- लॉन्ग टर्म निवेश की तुलना में शॉर्ट टर्म निवेश में बड़ा फंड नहीं बन सकता
- लॉन्ग टर्म निवेश के उलट शॉर्ट टर्म निवेश के लिए रेगुलर रिसर्च और निगरानी की आवश्यकता हो सकती है
Long Term Investment
लॉन्ग टर्म निवेश 5-10 वर्षों या इससे भी अधिक के लिए किया जाता है। इसमें जोखिम और कम लिक्विडिटी के साथ हाई रिटर्न की संभावना होती है। कुछ लोकप्रिय लॉन्ग टर्म निवेश विकल्पों में इक्विटी शेयर, रियल एस्टेट और लॉन्ग टर्म बॉन्ड शामिल हैं। यह विकल्प आमतौर पर उन निवेशकों के लिए होता है जो भविष्य के टार्गेट के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं।
Long Term Investment के फायदे
- इसमें रोज-रोज निवेश चेक करने की झंझट और टेंशन नहीं होती
- कम्पाउंडिंग वह प्रोसेस है जिसके जरिए आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर रिटर्न से और अधिक कमाई होती है। समय के साथ ये बढ़ती जाती है
- लॉन्ग टर्म में शॉर्ट टर्म बाजार उतार-चढ़ाव से उबरने का अवसर होता है
Long Term Investment के नुकसान
- इसमें धैर्य चाहिए, क्योंकि आपका पैसा लंबे समय तक एक जगह रहेगा
- ये निवेश बाजार में अस्थिरता के अधीन हैं और समय से पहले बाहर निकलने से भारी नुकसान हो सकता है
क्या है निष्कर्ष
निवेश के दोनों विकल्पों के बीच सही ऑप्शन चुनना आपके वित्तीय उद्देश्यों, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। दोनों तरह के निवेश ऑप्शन अपने पोर्टफोलियो में लाने से आपको जोखिम कम करने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
अपने फाइनेंशियल टार्गेट को रेगुलर रिव्यू करने और उसमें जरूरत के मुताबिक बदलाव करने से आपको अपने वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ट्रैक पर बने रहने में मदद मिलेगी।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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