Flight Fares: एयरलाइन कंपनियां नहीं तो कौन तय करता है फ्लाइट की कीमतें, इन बातों से तय होता है किराया

Who Decides the Flight Fares: विमान विनिर्माता और तेल कंपनियां हवाई यात्रा के किराए पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। वे जो सप्लाई करते हैं, उसकी कीमतों पर एयरलाइनों का कोई प्रभाव नहीं होता। इससे एयरलाइनों को अपनी कीमतें तय करने में कठिनाई होती है क्योंकि इन आपूर्ति स्रोतों की कीमतों में उतार-चढ़ाव आता रहता है।

फ्लाइट की टिकट कैसे तय होती है?

Who Decides The Flight Fares Prices : आईएटीए की मुख्य अर्थशास्त्री, मैरी ओवेन्स थॉमसन ने हाल ही में यह स्पष्ट किया कि एयरलाइन कंपनियां फ्लाइट की कीमतें नहीं तय करतीं, क्योंकि वे जो कीमत चुकाती हैं, उस पर उनका कोई सीधा नियंत्रण नहीं होता है। थॉमसन ने कहा कि एयरलाइंस का मुख्य उद्देश्य अपने ग्राहकों को किफायती किराया पर सफर देना है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें अपनी लागतों का भी ध्यान रखना पड़ता है, जो एयरलाइन कंपनियों के लिए एक जटिल मुद्दा बन जाता है।

विमान विनिर्माता और तेल कंपनियों का प्रभाव

थॉमसन ने यह भी बताया कि विमान विनिर्माता और तेल कंपनियां हवाई यात्रा के किराए पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। वे जो सप्लाई करते हैं, उसकी कीमतों पर एयरलाइनों का कोई प्रभाव नहीं होता। इससे एयरलाइनों को अपनी कीमतें तय करने में कठिनाई होती है क्योंकि इन आपूर्ति स्रोतों की कीमतों में उतार-चढ़ाव आता रहता है।

ज्यादा कंपटीशन और कीमतों में उतार-चढ़ाव

आईएटीए की मुख्य अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि एयरलाइनों के लिए बहुत ज्यादा कंपटीशन वाले माहौल में काम करना एक और बड़ी चुनौती है। ग्राहक हमेशा सभी एयरलाइनों के किराए की तुलना कर सकते हैं, जिससे एयरलाइनों को अपनी कीमतें प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यह प्रतिस्पर्धा अक्सर एयरलाइनों के लाभ मार्जिन को कम कर देती है।

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