Vadhavan Port: कौन बना रहा है वधावन बंदरगाह, कितनी आएगी लागत और इसके क्या हैं फायदे

Vadhavan Port: महाराष्ट्र के पालघर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त 2024 को 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बंदरगाह को कौन बना रहा है। इसमें कितनी लागत आएगी और इसके क्या फायदे होंगे।

वधावन बंदरगाह के बारे में जानिए सबकुछ

Vadhavan Port: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार (29 अगस्त 2024) को महाराष्ट्र के पालघर में करीब 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखेंगे और करीब 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 को संबोधित करेंगे। इसके बाद, पालघर के सिडको ग्राउंड में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिनमें वधावन बंदरगाह की आधारशिला प्रमुख है। यहां जानिए वधावन बंदरगाह देश के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

कौन बना रहा है वधावन बंदरगाह?

जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) द्वारा गठित एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) वधावन बंदरगाह का निर्माण कर रहा है। VPPL में जेएनपीए के पास 74% शेयर हैं और MMB) के पास 26% शेयर हैं। बंदरगाह को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है, परियोजना के चरणों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसका पहला चरण 2029 तक पूरा होने वाला है।

वधावन बंदरगाह की कुल लागत

वधावन बंदरगाह भारत का 13वां प्रमुख बंदरगाह और पहला अपतटीय बंदरगाह होगा। यह सभी मौसमों में खुला रहने वाला, गहरे पानी वाला बंदरगाह होगा जिसका ड्राफ्ट 80 मीटर से अधिक होगा और यह मुंबई से 110 किलोमीटर और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा। पूरा होने पर यह दुनिया के टॉप 10 कंटेनर बंदरगाहों में से एक होने की उम्मीद है। जिसकी कुल लागत 76000 करोड़ रुपये है।

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