कौन हैं 29 हजार करोड़ के मालिक Byjus के रविंद्रन, ट्यूशन से बन गए अरबपति; अब ईडी के निशाने पर
Byju Raveendran CEO: एडटेक कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के कथित उल्लंघनों से संबंधित बेंगलुरु में तीन स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापे मारे किए जाने के बाद से खबरों में है। रवींद्रन दुनिया के सबसे अमीर उद्यमियों में से एक हैं और उनका ऐप, बायजू, भारत में ऑनलाइन शिक्षा में गेमचेंजर बन गया है, जिसमें 15 करोड़ से अधिक डाउनलोड और प्रति छात्र 71 मिनट का औसत दैनिक उपयोग समय है।

बायजू रवींद्रन
Byju Raveendran CEO: रवींद्रन बायजू और उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे के बाद से चर्चा में है। (ED) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के मामले में रवीन्द्रन के बेंगलुरु में स्थित तीन जगहों में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की है। जांच में सामने आया है कि 2011 से अब तक 28 हजार करोड़ के मिले FDI को ऑडिट नहीं कराया गया है। ऐसे में आज हम आपको बायजू के फाउंडर रवींद्रन बायजू के बारे में बता रहे हैं।
कौन हैं बायजू रवींद्रन?
2023 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, भारत में 187 अरबपति रहते हैं। इनमें बायजू रवींद्रन शिक्षा क्षेत्र से दुनिया के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी बनने में कामयाब रहे हैं। बायजू रवींद्रन और उनका परिवार भारतीय अरबपतियों की वैश्विक सूची में 994 वें स्थान पर है, पिछले तीन वर्षों में 1,005 स्थान ऊपर उठे हैं और 3.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति अर्जित की है। रिपोर्ट बताती है कि मुंबई में 66 अरबपति हैं, इसके बाद नई दिल्ली में 39 अरबपति और बेंगलुरु में 21 अरबपति हैं। frobes के अनुसार उनकी और परिवार की दौलत 3.6 अरब डॉलर है।
प्लेटफॉर्म की ऐसे हुई शुरुआत
शिक्षक रहे रवींद्रन ने 2011 में थिंक एंड लर्न की शुरुआत पत्नि दिव्या गोकुलनाथ के साथ की थी। यह लर्निंग ऐप बायजू की पेरेंट कंपनी है। जिसे 2015 लॉन्च किया गया था। यह उनके लिए गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उनका यह ऐप भी फेमस होता गया और सिर्फ 7 साल में रवींद्रन अरबपति बन गए।
ऐप पर डेली एवरेज 71 मिनट बिताते हैं स्टूडेंट
कंपनी ऑनलाइन एजुकेशनल कंटेंट उपलब्ध करवाती है। कुछ कंटेंट तो फ्री हैं, लेकिन एडवांस लेवल के लिए फीस देनी होती है। बायजू की साइट के मुताबिक 15 करोड़ से ज्यादा ऐप के डाउलोड्स हो चुके हैं। और डेली एवरेज 71 मिनट स्टूडेंट इनके प्लेटफॉर्म पर समय बिताते हैं। 1 साल पहले ही बायजू ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को 7300 करोड़ रुपये में खरीदा है।
इंजीनियर की जॉब छोड़ बने शिक्षक
केरल के बायजू रविंन्द्रन की शुरुआती शिक्षा अझीकोड में मलयालम मीडियम स्कूल से शुरू हुई। जहां उनके मां और पिता जी शिक्षक थे। ग्रेजुएशन के बाद बायजू ने इंजीनियर के तौर पर अपनी नौकरी शुरू की। वह यूके की एक शिपिंग कंपनी में इंजीनियर थे। छुट्टियों में भारत आने पर उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को IIMs के एंट्रेन्स एग्जाम की तैयारी में मदद करने के साथ खुद IIM का एंट्रेन्स टेस्ट दिया और 100 परसेंटाइल स्कोर किया। लेकिन उन्होंने IIM जॉइन न करके कोचिंग क्लास शुरू करने का निर्णय लिया। 2005 में नौकरी छोड़कर बायजू ने कोचिंग शुरू की। यहीं से बायजू के एक सफल बिजनेसमैन बनने का सफर शुरू हुआ।
स्टूडेंट से हुआ प्यार
रविंन्द्रन अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि जब उन्हें एक-दूसरे से प्यार हुआ तब दिव्या बायजू के छात्रों में से एक थीं। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के एक सत्र के दौरान, बायजू रविंन्द्रन ने कहा कि उन्होंने दिव्या पर ध्यान दिया क्योंकि वह कई सवाल पूछती थी और मुझे नहीं पता चला कि कब हम जीवन साथी बन गए।
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