Mahadev App:कौन है महादेव ऐप का आरोपी रवि उप्पल, जिसकी दुबई से भारत होगी वापसी
Who Is Ravi Uppal: महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी ऐप एक प्रमुख गिरोह है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट के लिए ऑनलाइन मंच उपलब्ध कराने की व्यवस्था करता है। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के दो मुख्य मालिकों में से एक रवि उप्पल है।
महादेव ऐप रवि उप्पल
Who Is
कौन है रवि उप्पल
महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी ऐप एक प्रमुख गिरोह है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट के लिए ऑनलाइन मंच उपलब्ध कराने की व्यवस्था करता है। महादेव ऐप संयुक्त अरब अमीरात के एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलाया जा रहा है। आरोप है कि सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए, बड़े पैमाने पर हवाला कारोबार किया जाता है।अदालत में दायर आरोप पत्र के अनुसार उप्पल ने प्रशांत महासागर में एक द्वीपीय देश वनुआतु का पासपोर्ट लिया है और उसने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है। वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। संघीय जांच एजेंसी ने अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष उप्पल और इंटरनेट-आधारित मंच के एक अन्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ धन शोधन मामले में आरोप पत्र दायर किया था।
ईडी ने अभियोजन पक्ष की शिकायत में कहा, उप्पल, अपराध से आय अर्जित करने और उस आय पर ऐश करने और उसे छिपाने में शामिल है।’’इसमें आरोप लगाया गया है कि एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक "चंद्रभूषण वर्मा" और कुछ अन्य लोगों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों और नेताओं को रिश्वत के पैसे पहुंचाए जा रहे थे और यह सब उप्पल की निगरानी में हो रहा था।
6000 करोड़ की कमाई
बाद में अदालत के गैर-जमानती वारंट के आधार पर ईडी के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किये गये थे।सूत्रों ने बताया कि 28वर्षीय चंद्रकांत की तलाश भी की जा रही है।प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, इस मामले में अपराध से हुई अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है।
एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास नाम के व्यक्ति द्वारा दिए गए बयान से ‘चौंकाने वाले’ खुलासे हुए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है।दास ने बाद में रायपुर की विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है और उसने कभी भी नेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई।
अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच से पता चला है किईडी ने कहा था कि नए उपयोगकर्ताओं और फ्रेंचाइजी (पैनल) की चाह रखने वालों को लुभाने के लिए सट्टेबाजी वेबसाइट के विज्ञापन के लिए भारत में बड़े पैमाने पर नकदी खर्च भी की जा रही है। कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं।
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