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WPI: थोक महंगाई दर फरवरी में रही 2.38 प्रतिशत, जनवरी में थी इतनी

Wholesale Price Index, WPI: भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) यानी थोक महंगाई दर में फरवरी 2025 में बढ़ोतरी हुई। इससे पहले जनवरी में डब्ल्यूपीआई या थोक महंगाई दर 2.31 प्रतिशत पर थी।

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थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी

Wholesale Price Index, WPI: भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) यानी थोक महंगाई दर में फरवरी 2025 में 2.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी वजह ईंधन और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतें और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की लागत में इजाफा होना था। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को दी गई। इससे पहले जनवरी में डब्ल्यूपीआई या थोक महंगाई दर 2.31 प्रतिशत पर थी। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि फरवरी में ईंधन और ऊर्जा का सूचकांक 2.12 प्रतिशत बढ़कर 153.8 (प्रोविजनल) हो गया है, जो कि जनवरी में 150.6 (प्रोविजनल) था। इसकी वजह इलेक्ट्रिसिटी की कीमतों में 4.28 प्रतिशत और मिनरल ऑयल की कीमतों में 1.87 प्रतिशत की तेजी आना है।

मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स के सूचकांक में 0.42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, फरवरी में मासिक आधार पर खाद्य महंगाई में जनवरी के मुकाबले 2.05 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो दिखाता है कि आने वाले समय में खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है। आधिकारिक बयान के अनुसार फरवरी में थोक महंगाई दर सकारात्मक होने का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में वृद्धि होना है।

बीते हफ्ते जारी हुए डेटा के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर रही है, जो कि जनवरी के आंकड़े से 0.65 प्रतिशत कम है। इसकी वजह खाद्य उत्पादों की कीमत में कमी आना है। देश में जुलाई 2024 के बाद खुदरा महंगाई का यह सबसे निचला स्तर था।

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