Wholesale Price Inflation: थोक महंगाई दर में गिरावट, सब्जियों के दाम घटने का दिखा असर

Wholesale Price Inflation: आरबीआई ने बीते 8 फरवरी को खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई थी। इसे देखते हुए उसने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद, वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने महंगाई अनुमान को 5.4 फीसदी रखा और कोई बदलाव नहीं किया।

थोक महंगाई में गिरावट

Wholesale Price Inflation:थोक महंगाई में गिरावट आई है। थोक मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 0.27 प्रतिशत पर आ गई। खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी इसकी प्रमुख वजह रही। दिसंबर 2023 में यह 0.73 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी। नवंबर में यह 0.39 प्रतिशत दर्ज की गई थी। थोक महंगाई में गिरावट का असर सीधे रिटेल महंगाई पर पड़ता है। ऐसे में आने वाले दिनों में आम लोगों को महंगाई पर थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

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क्यों घटी थोक महंगाई

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लिए 0.27 प्रतिशत (अस्थायी) रही।थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.8 प्रतिशत थी।आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 में खाद्य सामग्री की महंगाई दर 6.85 प्रतिशत रही जो दिसंबर 2023 में 9.38 प्रतिशत थी।जनवरी में सब्जियों की महंगाई दर 19.71 प्रतिशत, जो दिसंबर 2023 में 26.3 प्रतिशत रही थी। जनवरी में दालों में थोक मुद्रास्फीति 16.06 प्रतिशत थी, जबकि फलों में यह 1.01 प्रतिशत रही।

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इसके पहले रिटेल महंगाई दर जनवरी 2024 में कम होकर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई । यह पिछले तीन महीने में सबसे न्यूनतम स्तर है। दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5.69 प्रतिशत थी।

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