Wholesale Price Inflation: लगातार दूसरे महीने बढ़ी थोक महंगाई, सब्जियों ने बिगाड़ा बजट

Wholesale Price Inflation: खाद्य महंगाई में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजें और सब्जियों का महंगा होना रहा है। थोक महंगाई में बढ़ोतरी होने का सीधा असर आने वाले समय में रिटेल महंगाई पर दिखेगा।

थोक महंगाई दर बढ़ी

Wholesale Price Inflation:खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतें और ईंधन और बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक महंगाई दर एक बार फिर बढ़ गई है। थोक महंगाई दर अप्रैल से यानी लगातार दूसरे महीने बढ़कर 1.26 प्रतिशत हो गई है। इसके पहले थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर अप्रैल 2023 में 0.79 प्रतिशत और मार्च 2024 में 0.53 प्रतिशत थी। खाद्य महंगाई में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजें और सब्जियों का महंगा होना रहा है। थोक महंगाई में बढ़ोतरी होने का सीधा असर आने वाले समय में रिटेल महंगाई पर दिखेगा।

कितनी महंगी हुईं सब्जियां

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2024 में मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में बढ़ोतरी रहना रहा है।आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 7.74 प्रतिशत हो गई, जो मार्च में 6.88 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर 23.60 प्रतिशत रही, जो मार्च में 19.52 प्रतिशत थी।ईंधन और बिजली में मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.38 प्रतिशत रही, जो मार्च में (-)0.77 प्रतिशत थी।

हालांकि रिटेल महंगाई पर मिली है राहत

इसके पहले अप्रैल में रिटेल महंगाई दर नरम होकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि खाने के अन्य सामान के दाम इस दौरान थोड़े बढ़े हैं।उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित रिटले महंगाई मार्च में 4.85 प्रतिशत थी जबकि अप्रैल, 2023 में यह 4.31 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मामूली बढ़कर 8.70 प्रतिशत रही। एक महीने पहले मार्च में यह 8.52 प्रतिशत के स्तर पर थी।अंडा, मांस, मसाले और अनाज तथा उसके उत्पादों की महंगाई अप्रैल में कम हुई। जबकि फल, सब्जी और दाल महंगे हुए।
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