'फॉर्च्यून' से क्यों किनारा कर रहा है अडाणी ग्रुप,कंपनी बेच सकती है बड़ी हिस्सेदारी
Adani Enterprises May Sale Stake In Adani Wilmar: अडाणी विल्मर प्रमुख रुप से खाद्य तेल, आटा, चावल, दाल और चीनी जैसी उत्पादों की बिक्री करती है। जिसका 1999 में गठन हुआ था। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी की पहुंच 11.3 करोड़ से अधिक परिवारों तक है।
फॉर्च्यून ब्रांड की घर-घर पहुंच
Adani Enterprises May Sale Stake In Adani Wilmar:अभी एक साल हुए जब अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडाणी विल्मर के IPO की बड़ी धूम थी। और रिटेल निवेशक ने जमकर कमाई भी कर डाली। लेकिन अब एक चौंकाने वाली खबर आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अडाणी इंटरप्राइजेज, अडाणी विल्मर में से अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान कर रही है। इसके लिए कंपनी बातचीत भी कर रही है। और इस डील से अडाणी ग्रुप को 2.7 अरब डॉलर की रकम मिल सकती है। हालांकि इस डील पर कंपनी के तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन अगर ऐसा है तो सवाल यह उठता है कि अडाणी विल्मर से इतनी बड़ी हिस्सेदारी बेचने का प्लान क्यों किया जा रहा है। जबकि कंपनी देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में से एक है और उसका फॉर्च्यून ब्रांड काफी हिट है।
कौन है अडाणी विल्मर
अडाणी विल्मर प्रमुख रुप से खाद्य तेल, आटा, चावल, दाल और चीनी जैसी उत्पादों की बिक्री करती है। जिसका 1999 में गठन हुआ था। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी की पहुंच 11.3 करोड़ से अधिक परिवारों तक है। जून तिमाही में कंपनी को 79 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। और उसकी कमाई वित्त वर्ष 2022-23 में 55262 करोड़ रुपये थी। कंपनी में अडाणी इंटरप्राइजेज और सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल की करीब 88 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें अडाणी इंटरप्राइजेज की करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी है।
आईपीओ ने मचाई थी धूम
अडानणी विल्मर के आईपीओ ने पिछले साल 2022 में बड़ी धूम मचाई थी। और कंपनी ने बाजार से करीब 3600 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस आईपीओ की 221 रुपये में लिस्टिंग हुई थी। और उसके बाद कुछ समय तक निवेशकों ने अच्छा पैसा भी बनाया। और कंपनी का शेयर ऑलटाइम हाई 841.90 के स्तर पर पहुंच गया। लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट देखी गई। और फिर हिस्सेदारी बेचने की खबर आने के बाद शेयरों में गिरावट रही। बुधवार को कंपनी के शेयर मंगलवार के मुकाबले 3.88 फीसदी गिरकर 377.70 रुपये पर बंद हुए।
क्या कंपनी शिफ्ट कर रही है फोकस
हालांकि कंपनी ने अभी तक इस डील को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं की है। लेकिन पिछले कुछ समय में अडाणी ग्रुप की रणनीति को देखा जाय तो वह कोर बिजनेस पर फोकस कर रहा है। और अगर यह डील होती है तो कंपनी को मौजूदा वैल्युएशन के आधार पर करीब 2.7 अरब डॉलर मिलेंगे। जो ग्रुप के ग्रोथ प्लान के लिए बेहद अहम होंगे। रिपोर्ट के अनुसार इस डील के बाद अडाणी परिवार कंपनी में मामूली हिस्सेदारी बरकरार रख सकता है।
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