भुजिया को क्यों कहा जाता है बीकानेरी भुजिया, एक राजा की फरमाइश से दुनिया भर में हो गई फेमस

Bikaneri Bhujia History: खाने के साथ-साथ रीति-रिवाजों और संस्कृति में भी भुजिया का उपयोग किया जाता है। किसी अवसर की तैयारियों के लिए भी इसे एक अहम सजावटी फूड आइटम के तौर पर रखा जाता है।

Bikaneri Bhujia History

बीकानेरी भुजिया का इतिहास क्या है

मुख्य बातें
  • आज भुजिया दुनिया भर में है फेमस
  • अमेरिका समेत कई देशों में है डिमांड
  • एक राजा की फरमाइश से हुई थी शुरुआत

Bikaneri Bhujia History: उत्तर भारत में भुजिया (Bhujia) लोग शौक से खाते हैं। अकसर सफर के दौरान या शाम की चाय के साथ बतौर स्नैक भुजिया को काफी पसंद किया जाता है। बल्कि भुजिया लंबे समय से भारत में बेहद अधिक पसंद किया जाने वाला स्नैक है। स्वादिष्ट भुजिया भारतीयों के फेवरेट फूड आइटम की लिस्ट में शामिल है। लोग तो सुबह के नाश्ते के साथ-साथ दोपहर में काम से ब्रेक लेकर भुजिया का स्वाद लेते हैं।

खाने के साथ-साथ रीति-रिवाजों और संस्कृति में भी भुजिया का उपयोग किया जाता है। किसी अवसर की तैयारियों के लिए भी इसे एक अहम सजावटी फूड आइटम के तौर पर रखा जाता है। मगर क्या आपने कभी सोचा कि आखिर भुजिया की शुरुआत कैसे हुई? इसका नाम बीकानेर के साथ ही क्यों जुड़ा? आगे जानिए इन सवालों के जवाब।

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क्यों नाम पड़ा बीकानेरी भुजिया

भुजिया को अकसर बीकानेरी भुजिया कहते हैं। क्योंकि बीकानेरी राजघराने में इसे पहली बार तैयार किया गया था। इसकी शुरुआत का किस्सा बेहद खास है। इसका इतिसाह शाही खानदान से जुड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1877 में तत्कालीन बीकानेर रियासत के महाराजा डूंगर सिंह (Maharaja Dungar Singh) ने ही सबसे पहले अपने मेहमानों के लिए यह स्वादिष्ट व्यंजन बनवाया था।

क्या थी महाराज की फरमाइश

महाराजा ने अपने मेहमानों के लिए नाश्ते में कुछ खास मांगा। तब शाही रसोइए भुजिया तैयार करके लाए। सभी ने अपने जीवन में पहली बार भुजिया को चखा था। बेसन या चने से बनी भुजिया, जो हल्के या सुनहरे पीले रंग का होता है, विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों और मसालों के साथ मसालेदार बनाया जाता था। महाराज डूंगर सिंह और उनके मेहमानों को भुजिया काफी पसंद आई।

सभी बार-बार और भुजिया की डिमांड कर रहे थे और ये डिमांड आज तक भारतीयों के बीच जारी है। आज बीकानेरी भुजिया की न केवल भारत बल्कि अमेरिका समेत कई दूसरे देशों में भी पसंद की जाती है।

बीकानेर की पहचान भुजिया

धीरे-धीरे भुजिया का स्वाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने लगा और कहा जा सकता है कि आज भुजिया बीकानेर की पहचान है। समय के साथ भुजिया की अलग-अलग वेरायटी तैयार होने लगीं। आज बिकाजी फूड्स भुजिया की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है, जिसकी मार्केट कैपिटल 10347 करोड़ रु है।

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काशिद हुसैन author

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