भारत में हर 9 वें आदमी को कैंसर का रिस्क,इंश्योरेंस प्लान लेने तक वक्त इनका रखें ध्यान

Cancer Risk and Insurance Cover: कैंसर का रिस्क पुरूषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है। हर 68 पुरूष में से एक को कैंसर होने का रिस्क है, जबकि महिलाओं में हर 29 में से एक को कैंसर का रिस्क है। जहां तक कैंसर के टाइप की बात है तो होंठ, गले, फेफड़े, पेट, स्तन,अंडाशय, कर्विक्स ओटेरी में कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं।

CANCER RISK AND INSURANCE

कैंसर का भारत में बढ़ा खतरा

Cancer Risk and Insurance Cover: डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के बाद अब भारत में कैंसर की बीमारी आम होती जा रही है। ICMR की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल भारत में करीब 13.9 लाख लोग कैंसर के शिकार हो रहे हैं। अकेले साल 2020 में करीब 8.5 लाख लोग कैंसर का शिकार हो गए। और हर 9 में से एक व्यक्ति को कैंसर का खतरा है। यही नहीं कैंसर का ईलाज भी काफी महंगा है। ऐसे में इंश्योरेंस का विकल्प न केवल ईलाज की चिंता को दूर कर सकता है, बल्कि पीड़ित व्यक्ति के जीवन को बचाने में भी कारगर साबित हो सकता है।

महिलाओं में ज्यादा खतरा

आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर होने का रिस्क पुरूषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है। हर 68 पुरूष में से एक को कैंसर होने का रिस्क है, जबकि महिलाओं में हर 29 में से एक कैंसर का रिस्क है। जहां तक कैंसर के टाइप की बात है तो होंठ, गले, फेफड़े, पेट, स्तन,अंडाशय, कर्विक्स ओटेरी में कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं। इसे देखते हुए कैंसर का ईलाज आपके हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होना बेहद जरूरी है। इसका फायदा यह है कि कैंसर इंश्योरेंस प्लान कैंसर के कई स्टेज को कवर करता है। ऐसे में कोई भी प्लान लेते वक्त इस पहलू का हमेशा ध्यान रखें। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है तो उसके लिए कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

इन बातों का रखें ध्यान

आम तौर पर कैंसर की बीमारी पता चलने के बाद पॅालिसी होल्डर को इंश्योरेंस कवर के अनुसार तय अमाउंट का पेमेंट किया जाता है। पॉलिसी लेते समय बीमा कंपनियां प्रीमियम में छूट का बैनिफिट कुछ कंडीशन में देती है। जैसे शुरूआती चरण में कैंसर का पता चलने पर, पूरे साल के दौरान कोई क्लेम नहीं लेने पर सम एश्योर्ड बढ़ जाता है। प्लान लेते वक्त प्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन के कवर को भी चेक करना बेहद जरूरी है। पॉलिसी लेते समय इस बात की भी पड़ताल करें की कवर में अस्पताल, कीमोथेरपी और रेडिएशन थेरपी का होने का खर्च किन शर्तों पर शामिल है।

हालांकि कैंसर कवर लेते वक्त यह भी ध्यान जानना जरूरी है कि पॉलिसी के तहत सेक्शुअली ट्रांसमिटेड बीमारी, किसी भी जन्मजात स्थिति और पहले से मौजूद कंडीशन के कारण होने वाला कैंसर को कवर नहीं किया जाता है। इसी तरह जैविक, परमाणु या कैमिकल संक्रमण के कारण होने वाला कैंसर और किसी भी रेडियोएक्टिव या रेडिएशन के कारण होने वाला कैंसर भी पॉलिसी में शामिल नहीं होते हैं।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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