Foreign Exchange Reserve: क्यों गिर रहा है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार? लगातार तीसरे महीने हुई गिरावट

India's Foreign Exchange Reserve: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में काफी गिरावट आई है, घटकर 640.279 बिलियन डॉलर रह गया है। रुपये को स्थिर करने के लिए मुद्रा बाजार में भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप ने इस लगातार गिरावट में योगदान दिया है, हालांकि भंडार पर्याप्त बना हुआ है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह (तस्वीर-Canva)

India's Foreign Exchange Reserve: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले तीन महीनों से लगातार गिरावट आ रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.112 अरब डॉलर घटकर 640.279 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह पिछले 13 हफ्तों में 12वीं गिरावट है, जिससे भंडार कई महीनों के नए निचले स्तर पर पहुंच गया है। सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार 704.89 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन तब से इसमें करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।

क्यों गिर रहा है विदेशी मुद्रा भंडार?

इस गिरावट का मुख्य कारण करेंसी बाजारों में RBI का हस्तक्षेप है, जहां वह रुपए में तेज गिरावट को रोकने के लिए सक्रिय रूप से डॉलर की खरीद-फरोख्त कर रहा है। आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक भारत की विदेशी करेंसी एसेट्स (FCA), जो कि मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा हैं, अब 551.921 अरब डॉलर पर हैं। देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 66.268 अरब डॉलर है।

2022 और 2023 में विदेशी मुद्रा भंडार

हाल की गिरावट के बावजूद भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को अभी भी पर्याप्त माना जाता है, अनुमान है कि वे करीब एक वर्ष के अनुमानित आयात को कवर कर सकते हैं। 2023 में भारत ने अपने भंडार में करीब 58 अरब डॉलर जोड़े, जबकि 2022 में 71 अरब डॉलर की संचयी गिरावट आई थी। 2024 में भी भंडार में 20 अरब डॉलर से थोड़ा अधिक की वृद्धि हुई थी, और अगर हालिया गिरावट नहीं होती, तो यह और भी अधिक होता। विदेशी मुद्रा भंडार या एफएक्स भंडार, एक देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई संपत्तियां हैं, जो मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर जैसी आरक्षित मुद्राओं में होती हैं, जिसमें यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग में छोटे हिस्से होते हैं।

End Of Feed