Five Rupee Coins: 5 रुपये के इन सिक्कों को प्रचलन से बाहर क्यों कर रहा RBI? जानिए वजह, बांग्लादेश से भी जुड़ा मामला
Five rupee coins Out Of Circulation: ऑनलाइन मीडिया में प्रसारित हो रही खबरों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 रुपये के इन सिक्कों को प्रचलन से बाहर कर दिया है। जानिए क्या है सच्चाई। 5 रुपये के किन सिक्कों को लेकर आरबीआई ने यह फैसला लिया और और क्यों?
5 रुपये के ये सिक्के प्रचलन से हो रहे हैं बाहर! (तस्वीर-Canva)
Five rupee coins Out Of Circulation: भारत में मौनेटरी पॉलिसी के सभी फैसलों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जिम्मेदार होता है। इसमें करेंसी की छपाई से लेकर कितनी मात्रा में निर्माण करने का फैसला भी शामिल है। हालांकि RBI सरकार के मार्गदर्शन में काम करता है। सरकार RBI को निर्देश देती है, जिसके बाद RBI मुद्रा या सिक्के जारी करने के लिए कदम उठाता है। भले ही कोई सिक्का या नोट बंद हो गया हो या जारी करना हो। इस पर फैसला लेने के लिए RBI को केंद्र सरकार की अनुमति की जरुरत होती है। वर्तमान में भारत में 1 रुपये से लेकर 20 रुपये तक के सिक्के प्रचलन में हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि हाल ही में 30 और 50 रुपये के सिक्के जारी किए गए हैं। वर्तमान में ऑनलाइन मीडिया में प्रसारित हो रही खबरों में दावा किया जा रहा है कि 5 रुपये के सिक्के का प्रचलन बंद कर दिया जाएगा। आइए इस खबर के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पर गहराई से नजर डालें।
इस 5 रुपये के सिक्कों को क्यों बंद कर रहा है आरबीआई?
देश में इस समय 2 तरह के 5 रुपये के सिक्के चलन में हैं। एक पीतल का बना होता है, जबकि दूसरा मोटी धातु से बना होता है। हालांकि मोटे सिक्के का प्रचलन हाल ही में कम हुआ है। फिलहाल न तो केंद्र सरकार और न ही भारतीय रिजर्व बैंक 5 रुपये के मोटे धातु के सिक्के जारी करता है। बाजार में आमतौर पर पीतल के सिक्के ही मिलते हैं। न्यूज 18 के मुताबिक 5 रुपये के मोटे सिक्कों को बंद करने के पीछे एक अहम वजह यह है कि इनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली धातु को पिघलाकर 4 से 5 ब्लेड बनाए जा सकते थे, जिनकी कीमत 5 रुपये से ज्यादा होती थी। इस आर्थिक वजह से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इन 5 रुपये के सिक्कों को बंद कर दिया।
सिक्कों या नोटों को प्रचलन से हटाने का क्या है नियम?
नियम के मुताबिक अगर मुद्रा के उत्पादन की लागत उसके अंकित मूल्य से अधिक हो जाती है, तो उन सिक्कों या नोटों को प्रचलन से हटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर 5 ब्लेड बनाता है और फिर उन्हें 2 रुपये प्रति ब्लेड में बेचता है तो उसे 5 रुपये के सिक्के से 10 रुपये की कमाई हो जाती है। इस तरह सिक्के में धातु का आंतरिक मूल्य उसके मौद्रिक मूल्य से अधिक हो जाता है। इसी वजह से अन्य कारणों के अलावा RBI ने मोटे 5 रुपये के सिक्के जैसे विशिष्ट सिक्कों के उत्पादन को रोकने का फैसला किया।
5 रुपये के सिक्के की बांग्लादेश में अवैध तस्करी
RBI द्वारा पुराने 5 रुपये के सिक्के बंद करने का एक और कारण बांग्लादेश में अवैध तस्करी थी। ये पुराने 5 रुपये के सिक्के धातुओं से बने थे और वह भी बड़ी मात्रा में। इसलिए, तस्कर इन सिक्कों को बांग्लादेश में निर्यात करते थे। इससे हमारे देश में सिक्के का प्रचलन काफी कम हो गया। बांग्लादेश में इन सिक्कों को पिघलाकर रेजर ब्लेड जैसा आकार दिया जाता था। इस एक सिक्के से 6 ब्लेड बनाए जा सकते थे, जिनमें से प्रत्येक ब्लेड 2 रुपये में खरीदा जा सकता था। जब सरकार को इस मामले के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत सिक्के के स्वरूप और धातु की मात्रा में बदलाव किया। RBI ने पिछले संस्करण की तुलना में 5 रुपये के सिक्के को पतला बनाया। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने धातु को बाजार में उपलब्ध कुछ सस्ते तत्वों के साथ मिश्रित किया। इस प्रकार भले ही इन 5 रुपये के सिक्कों को तस्करी हो, तस्कर रेजर ब्लेड नहीं बना सकते।
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