मोदी क्यों कहते हैं 1000 साल तक होगा असर, इसके पीछे छिपी है ये ताकत,भारत पर ऐसे दिखेगा असर
India To Be Developed Country By 2047: गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2075 में भारतीय इकोनॉमी 52.75 लाख करोड़ डॉलर की हो सकती है। जबकि चीन 57 लाख करोड़ डॉलर के साथ नंबर वन पर होगा। वहीं अमेरिका 51.5 लाख करोड़ डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर होगा। साफ है कि उस समय ये तीनों देश आर्थिक महाशक्ति होंगे और दुनिया की धुरी अमेरिका-यूरोप से हटकर एशिया के दो देश चीन और भारत पर टिकी होगी।
विकसित भारत कैसा होगा
India To Be Developed Country By 2047:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आगामी पांच वर्षों को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में सबसे बड़ा स्वर्णिम पल करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए कि वे इस अवसर को न गंवाएं क्योंकि इस कालखंड में उठाए गए कदम आने वाले एक हजार साल के इतिहास का निर्माण करेंगे। अब सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री ऐसा क्या देख रहे हैं, जिससे भारत अगले 1000 साल बेहद भूमिका निभाएगा। और इस दौरान भारत की क्या स्थिति होने वाली है। संबंधित खबरें
असल में अगर अगले 50 साल का स्थिति देखी जाय। तो गोल्डमैन सैक्स थोड़ी तस्वीर पेश करती है। उसके अनुसार भारत 2075 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा। और उस समय चीन पहली इकोनॉमी के साथ भारत के करीब ही रहेगा। जबकि भारत अमेरिका को पीछा छोड़ चुका होगा। यानी भारत आर्थिक रूप से इतना मजबूत हो चुका होगा कि दुनिया किसी भी कदम से पहले उसकी ओर देखेगी। और अगर भारत लीडर के रुप में पेश कर सका तो उसकी प्रभुत्व सदियों तक हो सकता है।संबंधित खबरें
50 लाख करोड़ डॉलर से बड़ी होगी इकोनॉमीसंबंधित खबरें
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2075 में भारतीय इकोनॉमी 52.75 लाख करोड़ डॉलर की हो सकती है। जबकि चीन 57 लाख करोड़ डॉलर के साथ नंबर वन पर होगा। वहीं अमेरिका 51.5 लाख करोड़ डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर होगा। साफ है कि उस समय ये तीनों देश आर्थिक महाशक्ति होंगे और दुनिया की धुरी अमेरिका-यूरोप से हटकर एशिया के दो देश चीन और भारत पर टिकी होगी।संबंधित खबरें
अब भारत केवल बड़े शहरों पर निर्भर नहींसंबंधित खबरें
अब अगर प्रधानमंत्री के भाषण को देखा जाय तो तस्वीर थोड़ी और साफ होती है। उन्होंने कहा है कि भारत अस्थिरता के युग से मुक्त हो गया है। 2014 में हम 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे। आज 140 करोड़ नागरिकों के प्रयासों से हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। अगले पांच सालों में भारत की दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनाकर रहेंगे। मोदी ने कहा कि लोगों ने 2014 और 2019 में ऐसी सरकार बनाई जिससे उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने की ताकत मिली।संबंधित खबरें
मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा है और उन्हें विश्वास है कि देश ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह दुनिया में स्थिरता की गारंटी लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति को केवल दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से ही बल नहीं मिल रहा है बल्कि अब तो टियर-2 शहरों के युवा भी देश की प्रगति में समान प्रभाव पैदा कर रहे हैं।संबंधित खबरें
मोदी ने कहा कि युवाओं की ताकत ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनने में मदद की है।सरकार ने इस साल 30 अप्रैल तक 98,119 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है। वहीं निर्यात के मोर्चे पर देखा जाय तो देश ने समय से पहले न सिर्फ अपने निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लिया है बल्कि उससे आगे भी निकल गया है । उन्होंने कहा कि हमने 500 अरब डॉलर के निर्यात की बात की थी...यह बढ़कर 500 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।वित्त वर्ष 2022-23 में देश का माल व सेवा निर्यात 776 अरब डॉलर को पार कर गया था।संबंधित खबरें
पहले 1000 साल में एक तिहाई इकोनॉमी पर था भारत का कब्जा
इकोनॉमिस्ट अंगस मैडिसन के रिसर्च के अनुसार, पहली सदी से लेकर 1000 ईसवी तक पूरी दुनिया में भारतीय इकोनॉमी सबसे मजबूत थी। इस दौरान दुनिया की कुल इकोनॉमी में भारत की हिस्सेदारी अधिकतम 33 फीसदी से लेकर 28 फीसदी के करीब रही। संबंधित खबरें
इसके बाद जब मुस्लिम आंक्राताओं का आक्रमण हुआ और सत्ता सल्तनत, मुगलों शासकों के पास आई तो उसकी हिस्सेदारी थोड़ी घटकर 28 फीसदी से 24 फीसदी पर आ गई है। जो कि अंग्रेजों के आने के बाद बुरी तरह टूट गई । और भारत के आजाद होने तक गिरकर केवल 4.2 फीसदी पर आ गई है। जहां तक लोगों की प्रति व्यक्ति आय की बात है तो पहले हजार से लेकर दूसरे हजार साल 400 डॉलर से लेकर 650 डॉलर के बीच रही। यानी इसमें बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया। क्योंकि भारत शुरू से बड़ी आबादी वाला देश रहा।संबंधित खबरें
आर्थिक ताकत से बढ़ेगा प्रभाव
प्रधानमंत्री ने जिस तरह दुनिया में भारत की बढ़ती उपयोगिता की बात की है। उससे साफ है कि जैसे-जैसे भारत की इकोनॉमी मजबूत होगी, वैसे-वैसे भारत की दुनिया में भूमिका बढ़ती जाएगी। मोदी ने 2047 तक देश को विकसित बनाने की बात कही है। और एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार उस समय तक भारतीयों की सालाना इनकम 7.5 गुना तक बढ़ जाएगी। जाहिर है कि अमीर होने के साथ-साथ भारत को रिसर्च और इन्नोवेशन में भी महाराथ हासिल करनी होगी। जिससे कि दुनिया उस पर निर्भर हो सके। जैसे कि औद्योगिक क्रांति के बाद पिछले 250 साल से पिछड़े और विकासशील देश पश्चिमी देशों पर निर्भर हैं। संबंधित खबरें
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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