सेमीकंडक्टर्स पर सुपर प्लान! इन कंपनियों ने चला 'बड़ा दांव', समझें- क्यों जरूरी है यह चिप

Why Semiconductors are important for India: वैसे, दुनिया में ताइवान को सेमीकंडक्टर की दुनिया में सुपरपावर माना जाता है। चीन भी इस दिशा में तेजी से बढ़ा है, जबकि भारत ने भी पिछले कुछ समय में इस पर काफी जोर दिया है।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Why Semiconductors are important for India: तकनीक आधारित इस दौर में सेमीकंडक्टर्स बड़े अहम बन गए हैं। यही वजह है कि हिंदुस्तान भी इस दिशा में बड़े आक्रामक और व्यवस्थित तरीके से बढ़ रहा है। शुक्रवार (28 जुलाई 2023) को गुजरात के गांधीनगर में हुए ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ में विभिन्न कंपनियों ने इस बाबत अपने आगे की रणनीति साझा की और बताया कि उनका सुपर प्लान क्या है। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ में दावा किया सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के पहले चरण में कुल 20 अरब डॉलर के खर्च में पांच अरब डॉलर का निवेश होगा। भारत में उनकी विनिर्मित चिप ढाई साल में मिलने लगेगी।

उन्होंने आगे बताया, ‘‘वेदांता के पास कैश फ्लो अच्छा है। हम वेदांता में पूंजी आवंटन करेंगे और हमें इक्विटी और कर्ज देने के लिए कई लोग तैयार हैं...पर हम चाहते हैं कि पहले समझौते करें और हमारे पास बेहतर परिवेश हो।’’ वेदांता मौजूदा समय में चिप विनिर्माण, पैकेजिंग और डिजाइन की योजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी भागीदार बनाने के लिए तीन कंपनियों से फिलहाल बात कर रही है।

AMD इंडिया में करेगी 40 करोड़ डॉलर का निवेशवहीं, चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (एएमडी) ने भारत में अगले पांच साल में 40 करोड़ डॉलर का निवेश करने की घोषणा की। साथ ही कहा कि वह बेंगलुरु में अपना सबसे बड़ा डिजाइन केंद्र स्थापित करेगी। एएमडी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) मार्क पेपरमास्टर ने पीएम मोदी की मौजूदगी में सेमीकंडक्टर सम्मेलन में यह ऐलान किया।

माइक्रोन के इंडिया में बने चिप निर्यात भी होंगे- सीईओउधर, अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र बनाने की अपनी प्रतिबद्धता फिर दोहराई। कंपनी ने कहा कि इससे प्रत्यक्ष तौर पर 5000 नौकरियों का सृजन होगा और घरेलू के साथ-साथ विदेशी मांग को भी पूरा किया जाएगा। कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ संजय मेहरोत्रा ने बताया, ‘‘गुजरात में हमारी टीम डीआरएएम और एनएएनडी उत्पादों को कंपोनेंट पैकेज, मेमोरी मॉड्यूल और सॉलिड-स्टेट स्टोरेज ड्राइव में बदल देगी जिसे भारत तथा दुनिया भर में ग्राहकों तक पहुंचाया जा सकेगा।’’

हिंदुस्तान के लिए क्यों मायने रखते हैं? जानिएसेमीकंडक्टर्स मौजूदा समय और आगे आने वाले दौर में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि कंप्यूटर, स्मार्टफोन, स्मार्ट एप्लाइंसेज, डिशवॉशर्स से लेकर गाड़ियों और मिसाइल्स में इनका इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि, इनमें से बहुत सारी चीजें हमारे जीवन में बड़ी जरूरी और बुनियादी बन चुकी हैं। ऐसे में अगर सेमीकंडक्टर्स की शॉर्टेज (कमी) हुई तब ये सारी चीजें हमारे जीवन को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकती हैं। वैसे भी अत्याधुनिक तकनीक के दौर में सेमीकंडक्टर्स की मांग में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। यही वजह है कि इन्हें ब्रेन ऑफ मॉर्डर्न इलेक्ट्रॉनिक्स भी कहा जाता है।

सेमीकंड्कटर और चिप में क्या है अंतर?सरल भाषा में समझें तो सेमीकंडक्टर अर्धचालक होते हैं और इनका इस्तेमाल करंट को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। इन्हें इंटीग्रेटेड चिप्स (आईसी या माइक्रोचिप) के नाम से भी जाना जाता है और यह सिलिकॉन से बनाए जाते हैं और चिप के रूप में होते हैं, जबकि चिप माइक्रोयूनिट, माइक्रोचिप या फिर इंटीग्रेटेड सर्किट के नाम से भी जानी जाती है और यह एक किस्म की सिलिकॉन वेफर होती है, जिसमें इंटीग्रेटेड सर्किट होते हैं। यह आकार में छोटी होती है और आमतौर पर कंप्यूटर या फिर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का हिस्सा होती है। वैसे, सामान्यतः चिप वह टर्म है, जिसका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर कंपोनेंट प्रोडक्ट्स के लिए किया जाता है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

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अभिषेक गुप्ता author

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