HMT Watch: क्या हर भारतीय की कलाई पर फिर से बंधेगी एचएमटी घड़ी, मेगा प्लान की तैयारी में सरकार
HMT Watch Production: 80-90 के दशक में एचएमटी घड़ियों का जलवा था। इस घड़ी की लोकप्रियता ऐसी थी कि शादियों में इसे गिफ्ट देना और लेना गर्व समझा जाता था। लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा और इसके दुर्दिन आ गए। कंपनी बंद हो गई लेकिन एक बार फिर इसकी किस्मत बदलने वाली है क्योंकि केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इसकी सुध लेनी शुरू कर दी।
फिर शुरू हो सकता है HMT घड़ियों का निर्माण
HMT Watch Production: एक समय था हर किसी की कलाई पर एचएमटी घड़ी होती थी। लेकिन समय के साथ जमाना बदला और नई-नई स्टाइलिश घड़ियां बाजार में आ गई। स्मार्ट वाच आ गईं। धीरे-धीरे एचएमटी का जमाना लद गया। कंपनी को इसका उत्पादन बंद करना पड़ा। 2024 में एनडीए की सरकार बनते ही लगता है एचएमटी की किस्मत बदल जाएगी। फिर से बाजार में दुकानों पर HMT घड़ियां दिखने लगेंगी। दरअसल केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत सरकारी कंपनी एचएमटी (हिंदुस्तान मशीन टूल्स) के पुनरुद्धार के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है। कुमारस्वामी का मानना है कि एचएमटी को पुनर्जीवित करने से घरेलू मैन्युफैक्चिरिंग क्षमताओं को बढ़ावा देकर भारत के आत्मनिर्भरता लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। पीटीआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक कुमारास्वामी ने हिंदुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड के मैनेजमेंट के साथ मीटिंग की और एचएमटी घड़ी के बिजनेस, नेट प्रॉफिट समेत अन्य डिटेल मांगी है।
एचएमटी के पुनरुद्धार से रोजगार समेत ये फायदे
कुमारस्वामी एचएमटी के पुनरुद्धार को भारत के मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। आत्मनिर्भर भारत पहल का उद्देश्य स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देकर और आयात पर निर्भरता कम करके भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। भारत के औद्योगिक विकास में एचएमटी का समृद्ध इतिहास रहा है, जिसे कभी अपनी प्रतिष्ठित घड़ियों और मशीनरी के लिए राष्ट्र के टाइमकीपर के रूप में जाना जाता था। एचएमटी को पुनर्जीवित करने से रोजगार सृजित हो सकते हैं, आपूर्ति सीरीज में छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को समर्थन मिल सकता है और मैन्युफैक्चिरिंग में तकनीकी प्रगति को बढ़ाया जा सकता है।
चुनौतियां और आगे के कदम
एचएमटी को फिर से खड़ा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। एचएमटी की वित्तीय सेहत को सुधारना महत्वपूर्ण होगा, जिसके लिए संभवतः सरकारी सहायता और रणनीतिक साझेदारी की जरुरत होगी। आधुनिक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए टैक्नोलॉजी को उन्नत करना और दक्षता में सुधार करना होगा। प्रोडक्ट्स में विविधता लानी होगी। उच्च विकास क्षमता वाले सेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित करना एचएमटी को अपनी बाजार प्रासंगिकता फिर से हासिल करने में मदद कर सकता है। एचएमटी का पुनरुद्धार आत्मनिर्भर भारत पहल के व्यापक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो भारत में एक मजबूत और आत्मनिर्भर औद्योगिक इकोसिस्टम में योगदान देगा।
80-90 के दशक में एचएमटी घड़ियों का था जलवा
एचएमटी यानी हिंदुस्तान मशीन टूल्स की स्थापना 1953 में हुई थी। उस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। लेकिन घड़ियों का निर्माण 1961 शुरू हुआ। एचएमटी ने जापान की कंपनी सिटिजन वॉच से साथ मिलकर निर्माण शुरू किया था। 80-90 के दशक तक एचएमटी घड़ियां देश के लोगों के दिलो-दिमाग में छा गया था। लेकिन उदारीकरण के बाद एचएमटी का बुरा दौर आ गया। घड़ी बनाने वाली कई कंपनियां देश में आ गईं। जो एचएमटी को टक्कर देने लगी और फिर वह मैदान में टिक नहीं पाई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें
Economic Survey 2025: धीमी होने वाली है भारत की आर्थिक वृद्धि, GDP ग्रोथ 6.3-6.8% रहने का अनुमान
PTC Industries share: स्टॉक में उछाल! ओडिशा में टाइटेनियम स्पंज प्लांट लगाने की पीटीसी की घोषणा
Gold-Silver Rate Today 31 January 2025: सोना और चांदी के भाव में कितनी आई तेजी, जानें अपने शहर का रेट
Budget 2025: ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें Budget का PDF, कब और कहां देखें लाइव, जानें पूरी डिटेल्स
Budget 2025 Expectations: बजट से होम लोन सेक्टर की क्या हैं उम्मीदें?
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited