Wipro के फ्रेशर्स को पास करना होगा PRP टेस्ट, फेल हुए तो चली जाएगी नौकरी
देश की जानी-मानी आईटी कंपनी विप्रो ने अपने फ्रेशर्स से कहा है कि उन्हें कंपनी में बने रहने के लिए पीआरपी प्रोग्राम टेस्ट में पास होना होगा। अगर वे इस टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
विप्रो के फ्रेशर्स को नौकरी बचाए रखने के लिए पास करना होगा टेस्ट
मुख्य बातें
- विप्रो के नए फैसले ने बढ़ाई फ्रेशर्स की टेंशन
- फ्रेशर्स को पास करना होगा टेस्ट
- फेल होने वाले कर्मचारियों को किया जाएगा टर्मिनेट
Wipro: भारत की जानी-मानी आईटी कंपनी विप्रो ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि उन्हें PRP एसेसमेंट टेस्ट क्लियर करना होगा, अगर वे इस टेस्ट को क्लियर नहीं कर पाते हैं तो उन्हें कंपनी से टर्मिनेट कर दिया जाएगा। हैरानी की बात ये है कि ये टेस्ट उन कर्मचारियों को पास करना होगा, जिन्होंने पहले ही 6.5 लाख रुपये से घटाकर 3.5 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर जॉब दी गई थी। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुणे की आईटी यूनियन ने इसकी जानकारी दी है।
विप्रो ने कर्मचारियों को भेजा मेल
विप्रो द्वारा फ्रेशर्स को भेजे गए मेल के अनुसार, "प्रोजेक्ट रेडीनेस प्रोग्राम (पीआरपी) टैलेंट ट्रांसफॉर्मेशन द्वारा सभी कैंपस और ऑफ-कैंपस हायर के लिए एनजीए (नेक्स्ट जेन एसोसिएट्स) के रूप में संदर्भित एक कार्यक्रम है। पीआरपी का मुख्य उद्देश्य एनजीए को जरूरी नॉलेज और स्किल्स से लैस करना है जो उन्हें कस्टमर प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू करने के लिए तैयार करेगा और सक्षम बनाएगा।
टेस्ट में होगी नेगेटिव मार्किंग
फ्रेशर्स को ट्रेनिंग के एक हिस्से के रूप में पीआरपी एसेसमेंट टेस्ट देना होगा, जिसमें प्रति प्रश्न 0.25 की नेगेटिव मार्किंग होगी। मेल में कहा गया है कि, "फाइनल सप्लीमेंट्री अटेम्प्ट के बाद 60% से कम अंक लाने वाले कर्मचारी को एचआर डिपार्टमेंट की तरफ से तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया जाएगा।
NITES ने विप्रो के फैसले की आलोचना की
नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने अपने फ्रेशर्स के प्रति उठाए गए प्रमुख आईटी सेवा कंपनी विप्रो के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। बताते चलें कि ये वही फ्रेशर्स हैं, जिन्होंने नौकरी को बचाए रखने के लिए पहले 6.5 लाख रुपये से नीचे आकर 3.5 लाख रुपये के सालाना पैकेज को चुना था और उन्हें अब एक बार फिर से प्रोजेक्ट रेडीनेस प्रोग्राम से गुजरना होगा।
4 से 8 हफ्ते तक चलेगी ट्रेनिंग
विप्रो ने फ्रेशर्स से कहा है कि 4 से 8 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद अगर वे कम से कम 60% अंकों के साथ सारे टेस्ट में पास नहीं होते हैं तो उन्हें तुरंत कंपनी से निकाल दिया जाएगा। बताते चलें कि बेंगलुरू की इस बड़ी आईटी कंपनी ने जनवरी में भी अपने 450 ट्रेनी को नौकरी से निकाल दिया था क्यों कि वे कंपनी के टेस्ट में कई बार फेल हो गए थे।
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सुनील चौरसिया author
मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स ना...और देखें
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