WPI Inflation: तीन महीने के निचले स्तर पर आई थोक महंगाई दर, नवंबर में घटकर हुई 1.89 प्रतिशत

WPI Inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 1.89 प्रतिशत पर आ गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

WPI Inflation

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WPI Inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 1.89 प्रतिशत पर आ गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इस बीच विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2024 में 2.36 प्रतिशत के स्तर पर थी। नवंबर, 2023 में यह 0.39 प्रतिशत रही थी। अगस्त, 2024 में यह 1.25 प्रतिशत रही थी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 8.63 प्रतिशत रह गई, जबकि अक्टूबर में यह 13.54 प्रतिशत थी। सब्जियों की मुद्रास्फीति घटकर 28.57 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 63.04 प्रतिशत थी। हालांकि, आलू की मुद्रास्फीति 82.79 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी रही, जबकि प्याज की मुद्रास्फीति नवंबर में तीव्र गिरावट के साथ 2.85 प्रतिशत पर आ गई। ईंधन व बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति 5.83 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 5.79 प्रतिशत थी।

विनिर्मित वस्तुओं के मामले में नवंबर में मुद्रास्फीति दो प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 1.50 प्रतिशत थी। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता बार्कलेज ने एक शोध नोट में कहा, नवंबर में थोक मूल्य मुद्रास्फीति में नरमी आई, जिसका कारण प्राथमिक खाद्य मुद्रास्फीति में कमी रही। बार्कलेज ने कहा, ‘‘ दिसंबर तक वैश्विक कीमतें 0.7 प्रतिशत बढ़ी हैं और दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना है।’’

पिछले सप्ताह जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.5 प्रतिशत रह गई, जबकि अक्टूबर में यह 6.2 प्रतिशत थी। बार्कलेज ने कहा कि यह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के दायरे में है, जो दर्शाता है कि सीपीआई मुद्रास्फीति मार्च, 2025 तक चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि एमपीसी अपनी फरवरी की बैठक में नीतिगत रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगी..’’

साख निर्धारण करने वाली एजेंसी इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि थोक मुद्रास्फीति में कमी मुख्य रूप से प्राथमिक खाद्य वस्तुओं के कारण आई है, जिनकी महंगाई पिछले महीने के 13.5 प्रतिशत से घटकर तीन महीने के निचले स्तर 8.6 प्रतिशत पर आ गई है। इक्रा को उम्मीद है कि अनुकूल आधार के बावजूद दिसंबर, 2024 में कुल थोक मुद्रास्फीति 2.5-3 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।

(इनपुट-भाषा)

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अंकिता पाण्डेय author

मैं अंकिता पान्डे Timesnowhindi.com जुड़ी हूं । मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर प्रतापगढ़ में पली बढ़ी हूं। शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी वहीं रहकर हुई। ज...और देखें

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