सब्जियों की कीमतें बढ़ने से थोक महंगाई दर में इजाफा, फिर भी शून्य से नीचे रही बरकरार

Wholesale Inflation: सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.25 प्रतिशत रही, जो जून में 1.32 प्रतिशत थी। जानकारों का मानना है कि आने वाले महीनों में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति सकारात्मक दायरे में आ सकती है।

सब्जियों की कीमतें बढ़ने से थोक महंगाई में बढ़ोतरी

मुख्य बातें
  • जुलाई में शून्य से 1.36 प्रतिशत नीचे रही थोक महंगाई
  • सब्जियों की कीमतों में 62.12 प्रतिशत की वृद्धि
  • खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.25 प्रतिशत रही
Wholesale Inflation: खाद्य वस्तुओं, खास कर सब्जियों के दामों में तेजी के बावजूद, थोक मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) में जुलाई में लगातार चौथे महीने में गिरावट आई और यह शून्य से 1.36 प्रतिशत नीचे रही। हालांकि गिरावट की दर मासिक आधार पर कम हुई है। सब्जियों की कीमतों में 62.12 प्रतिशत की वृद्धि के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में जून में 4.12 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
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पिछले साल जुलाई में यह 14.07 प्रतिशत थी।
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खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति

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