इसने दिया देश को पहला हाईटेक एक्सप्रेस-वे, आज बिकने को मजबूर, यूपी में बोलती थी तूती

Jaiprakash Associates Defaults: आईसीआईसीआई बैंक कंपनी के खिलाफ दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 की धारा 7 के तहत आरबीआई के निर्देश पर एनसीएलटी इलाहाबाद पहुंचा था। ये मामला अभी लंबित है।

Jaiprakash Associates Defaults

जय प्रकाश एसोसिएट्स हो गई डिफॉल्ट

मुख्य बातें
  • लोन पेमेंट पर चूकी जयप्रकाश एसोसिएट्स
  • 29477 करोड़ का लोन बकाया
  • 4044 करोड़ का लोन नहीं चुका पाई
Jaiprakash Associates Defaults: संकटग्रस्त जेपी ग्रुप (Jaypee Group) की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) मूलधन और ब्याज राशि समेत 4,044 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान नहीं कर पाई है। जबकि जेपी ग्रुप वही बिजनेस ग्रुप है, जिसने यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) बनाया था, जो कि देश का पहले हाईटेक एक्सप्रेसवे है। 6-लेन का ये एक्सप्रेसवे 165.5 किमी लंबा है, जो नोएडा को आगरा से जोड़ता है। इस एक्सप्रेसवे पर हाईटेक टोल हैं। वहीं इस एक्सप्रेसवे पर IAF का मिराज 2000 जैसा फाइटर जेट भी उतर चुका है।

एक समय बोलती थी तूती

एक समय जेपी ग्रुप दिग्गज बिजनेस ग्रुपों में शामिल था। मगर आज इसकी हालत खराब है। इसकी कंपनी जयप्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड (JIL) ने टीईए (जिसे Yamuna Expressway Authority कहा जाता है) के साथ 2003 में एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था, जिसके कई खास फीचर्स हैं।

ये हैं एक्सप्रेसवे के स्पेशल फीचर्स

  • लेन की संख्या - 6 लेन (8 लेन तक विस्तार किया जा सकता है)
  • फुटपाथ टाइप - कंक्रीट
  • अधिकतम एक्सल लोड (डिज़ाइन) - 20 टन (22 छोटे टन; 20 लंबे टन)
  • इंटरचेंज - 7
  • मैन टोल प्लाजा - 5
  • इंटरचेंज लूप पर टोल प्लाजा - 7
  • अंडरपास - 35
  • रेलवे ओवर ब्रिज - 1
  • मेजर ब्रिज - 1
  • माइनर ब्रिज-42
  • कार्ट ट्रैक क्रॉसिंग - 68
  • वाहन अंडरपास - 70
  • सीसीटीवी कैमरा - हर 5 किमी पर
  • रोज 1 लाख गाड़ियां गुजरती हैं

एनसीएलटी पहुंचा आईसीआईसीआई बैंक

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक जेपी जेपी ग्रुप की जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 की धारा 7 के तहत आरबीआई के निर्देश पर एनसीएलटी इलाहाबाद पहुंचा था। ये मामला अभी लंबित है।
फिर सितंबर 2018 में, आईसीआईसीआई बैंक ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की और एनसीएलटी का रुख किया है और 15 सितंबर, 2022 तक कुल 6,893.15 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का दावा किया।

कितना लोन बाकी है

जयप्रकाश एसोसिएट्स के मुताबिक कंपनी 30 जून को 1,660 करोड़ रुपये की मूल राशि और 2,384 करोड़ रुपये के ब्याज के भुगतान में चूक गई। कंपनी की कुल उधारी (ब्याज सहित) 29,477 करोड़ रुपये है, जिसे 2037 तक चुकाना है, जिसके मुकाबले 30 जून, 2023 तक केवल 4,044 करोड़ रुपये का बकाया है।

लोन कम करने पर फोकस

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार जयप्रकाश एसोसिएट्स अपना लोन कम करने पर काफी फोकस कर रही है। इसके लिए कंपनी ने कई कदम उठाए हैं। ये अपना सीमेंट बिजनेस बेचेगी। इसी तरह के और कदमों से कंपनी का लोन लगभग शून्य हो जाएगा।
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लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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