क्या बिक जाएगा Yes Bank, जानें खरीदने की रेस में कौन विदेशी
Yes Bank May Be Sold: यस बैंक के लिए शुरुआती बोली इस महीने के अंत तक जमा होने की उम्मीद है। एमिरेट्स एनबीडी, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्प यस बैंक के लिए बोली लगा सकते हैं।
बिक सकता है यस बैंक !
- बिक सकता है यस बैंक
- दुबई का एमिरेट्स एनबीडी लगा सकता है बोली
- जापान के दो लेंडर भी रेस में
Yes Bank May Be Sold: भारत में प्राइवेट सेक्टर का छठा सबसे बड़ा बैंक यस बैंक बिक सकता है। दुबई के सबसे बड़े बैंक एमिरेट्स एनबीडी (Emirates NBD) ने यस बैंक को खरीदने में रुचि दिखाई है। एमिरेट्स एनबीडी यस बैंक में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बिड दाखिल करने पर विचार कर रहा है। बता दें कि जापान का मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजे) और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्प (एसएमबीसी) भी यस बैंक को खरीदने के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहे हैं।
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2020 में डूबने से बचा था यस बैंक
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार यस बैंक के लिए शुरुआती बोली इस महीने के अंत तक जमा होने की उम्मीद है। एमिरेट्स एनबीडी, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्प यस बैंक के लिए बोली लगा सकते हैं।
गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लीडरशिप वाले कंसोर्टियम (बैंकों के ग्रुप) ने 2020 में यस बैंक को संकट से बाहर निकाला था और इसे डूबने से बचाया था। अब ये ग्रुप बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है। मार्च 2023 में इन बैंकों का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया और ये ग्रुप यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच सकता है।
कितनी है मार्केट वैल्यू
22 अप्रैल को यस बैंक की मार्केट कैपिटल 72,696.44 करोड़ रु है। इस भाव पर 51 प्रतिशत की बहुमत हिस्सेदारी की वैल्यू करीब 37075 करोड़ रुपये होगी। एक्सचेंज डेटा के अनुसार देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई यस बैंक में सबसे बड़ा शेयरधारक बैंक है।
एसबीआई के पास इसकी 26.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं एलआईसी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की यस बैंक में मिलाकर 13.84 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
और किसकी है यस बैंक में हिस्सेदारी
टॉप प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल और एडवेंट इंटरनेशनल ने जुलाई 2022 में यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदी थी। तब यस बैंक ने इक्विटी शेयरों और वारंट के जरिए इन दोनों निवेशकों से 8,900 करोड़ रुपये जुटाए थे।
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