Strawberry Cultivation: विदेशी फल ने बदली किसान की किस्मत, स्ट्रॉबेरी की खेती से कमा रहा 5 लाख
Strawberry Cultivation In India: जसकरन के अनुसार युवाओं के पंजाब छोड़ने पर वे दुखी होते हैं। इसलीए वे कई युवाओं को अपने खेतों में रोजगार भी दे रहे हैं। उन्होंने 50 से अधिक मजदूरों को रोजगार दिया है जिन्हें वे प्रति माह 7,000-12,000 रुपये तक देते हैं।
स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाई
- विदेशी फल की खेती ने कराया मुनाफा
- स्ट्रॉबेरी से कमाई 5 लाख
- विदेशों से मंगाने होते हैं पौधे
Strawberry Cultivation Business In India: अन्य गांवों की तरह, पंजाब के श्री मुक्तसर साहेब जिले के कौनी गांव के किसान भी गेहूं और धान की खेती करते थे। मगर 10 साल पहले 2014 में युवा किसान जसकरन सिंह ने अपनी 1 एकड़ ज़मीन पर स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने का फैसला किया। इससे उन्होंने अच्छा मुनाफा कमाया। उन्हें देखकर गाँव के और भी युवा किसान स्ट्रॉबेरी की खेती की तरफ आकर्षित हुए। हालांकि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उन्हें अपने अपने माता-पिता को मनाना पड़ा और नतीजे से वे काफी खुश हुए।
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स्ट्रॉबेरी की खेती से कमा रहे 5 लाख रु
कृषि जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार जसकरन के साथ उनके दो और दोस्तों ने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी। मगर उन्हें लगा कि विदेशी फल की खेती से मुनाफा कमाना कठिन है। मगर जसकरन ने स्ट्रॉबेरी की खेती जारी रखी और अब उनकी सालाना कमाई 5 लाख रुपये है।
स्ट्रॉबेरी की खेती में रोजगारजसकरन के अनुसार युवाओं के पंजाब छोड़ने पर वे दुखी होते हैं। इसलीए वे कई युवाओं को अपने खेतों में रोजगार भी दे रहे हैं। उन्होंने 50 से अधिक मजदूरों को रोजगार दिया है जिन्हें वे प्रति माह 7,000-12,000 रुपये तक देते हैं।
एक किलो स्ट्रॉबेरी पर कितनी कमाई
जसकरन के अनुसार लगभग 1 किलो चावल के लिए हजारों लीटर पानी चाहिए होता है। वहीं ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग करने पर फलों को बहुत कम पानी चाहिए होता है। पानी के कम उपयोग के साथ, जसकरन फलों की क्वालिटी के आधार पर प्रति किलो स्ट्रॉबेरी पर 50-150 रुपये कमाते हैं।
कितना खर्चआता है स्ट्रॉबेरी की खेती में खेती में 10 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, जसकरन का मानना है कि किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती करने में एक ही चुनौती आती है और वो है भारी निवेश, जो स्ट्रॉबेरी बेड तैयार करने के लिए करना होता है। एक एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करनी हो तो करीब 6 लाख रुपये का खर्च आएगा।
इसमें पौधों की कॉस्ट, श्रम लागत, उर्वरक, पैकेजिंग और स्टोरेज शामिल है। इसके अलावा, कैलिफोर्निया और इटली से पौधों के आयात का खर्च भी काफी होता है।
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