Religious Conversion Case: मृत्यु-नरक का डर दिखाकर धर्म परिवर्तन का खेलते थे गंदा खेल, विदेशी फंडिंग से चल रहा था रैकेट; उमर गौतम समेत 16 दोषी करार

UP Religious Conversion Case: यूपी में अवैध धर्मांतरण मामले में कोर्ट ने उमर गौतम समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया है। ये कमजोर लोगों को मृत्यु-नरक आदि जैसी बातों से डराकर धर्म परिवर्तन कराते थे। इन्हें विदेशी फंडिग मिलती थी।

उमर गौतम

UP Religious Conversion Case: उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष अदालत ने अवैध रूप से धर्म परिवर्तन के मामले में आरोपी उमर गौतम और 15 अन्य लोगों को मंगलवार को दोषी करार दिया। विशेष एटीएस अदालत ने सभी दोषियों को जेल भेज दिया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोषियों को अदालत बुधवार को सजा सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों की सजा पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की है। अदालत ने सभी आरोपियों को बुधवार को जेल से तलब करने का भी आदेश दिया।

ये आरोपी दोषी करार

इस मामले में मोहम्मद उमर गौतम के अलावा अन्य दोषी करार दिए गए आरोपियों में मौलाना कलीम सिद्दीकी, प्रकाश रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम, कौशर आलम, भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, डॉ फराज बाबुल्लाह शाह, मुफ्ती काजी जहॉगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, अब्दुल्ला उमर, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी, धीरज गोविंद राव जगताप व सरफराज अली जाफरी शामिल हैं।
एटीएस ने इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि 20 जून 2021 को इस मामले में उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 417, 120 बी, 121ए, 123, 153ए, 153बी, 295ए और 298 के साथ ही उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3/5/8 के तहत आरोप लगाए गए थे।

नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण

विशेष लोक अभियोजक एम के सिंह ने बताया कि ये लोग साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, वैमनस्य और नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे। विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक इनके अंतरराष्ट्रीय संबंध भी हैं। इसके लिए हवाला के जरिए विदेशों से पैसा भेजा जा रहा था। वे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और दिव्यांगों को लालच देकर और उन पर अनुचित दबाव बनाकर बड़े पैमाने पर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे। वे मृत्यु के बाद दुनिया में नरक की आग जैसी अवधारणाओं का हवाला देकर एक विशेष धर्म के लोगों को डराते थे। उनका उद्देश्य देश में शरिया आधारित सरकार की व्यवस्था स्थापित करना था।
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