जम्मू-कश्मीर में 68 फीसद उम्मीदवार नोटा से भी हारे, कुल 34 हजार से ज्यादा ने NOTA दबाया

जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव 2024 में 5 सीटों पर कुल 100 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। बड़ी बात ये है कि इस चुनाव में 68 फीसद उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले। केंद्र शासित प्रदेश में करीब 35 हजार वोट नोटा को पड़े, यानी इतने लोगों को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आया।

Jammu kashmir Nota

नोटा को मिले भर-भरकर वोट

तस्वीर साभार : PTI

श्रीनगर : हाल ही में देश में लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) सम्पन्न हुए हैं। 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव के परिणाम भी घोषित हो चुके हैं। मतगणना में पता चला कि जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल 100 उम्मीदवारों में से 68 प्रतिशत को ‘नोटा’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प से भी कम वोट मिले हैं। निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी है।

जम्मू के सभी पांच निर्वाचन क्षेत्रों में 34 हजार, 788 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। जम्मू क्षेत्र के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 12 हजार, 938 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह ने जीत हासिल की है। उधमपुर लोकसभा सीट पर 11 अन्य उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें नौ से अधिक उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।

जम्मू का हालजम्मू सीट पर 4645 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना, जो 18 उम्मीदवारों को मिले मतों से भी अधिक हैं। जम्मू सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में थे और यहां से भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर ने जीत दर्ज की।

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अनंतनाग-राजौरी में 6223 नोटाश्रीनगर सीट पर नोटा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की संख्या 5998 है, यहां से 24 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से 18 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले। अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में 6223 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। इस लोकसभा सीट पर 20 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से नौ को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।

बारामूला में थे 14 उम्मीदवार नोटा से पीछेबारामूला सीट पर 4984 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। यहां 22 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से 14 को नोटा से कम वोट मिले। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार कुल 100 में से 68 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले हैं।

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इस बीच केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में केवल 912 मतदाताओं ने नोटा के विकल्प को चुना है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का एकमात्र संसदीय क्षेत्र है। यहां केवल तीन उम्मीदवार मैदान में थे और सभी को नोटा से अधिक वोट मिले हैं।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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