भीषण गर्मी में मौत का शॉर्टकट बन रहे एक्सप्रेसवे, जानिए क्यों टायर फट रहे और क्या करें
आगरा को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे पर गर्मी बढ़ने के साथ ही हादसे भी बढ़ गए हैं। धूप की तपिश से एक्सप्रेसवे तपने लगा है। जिसकी वजह से गाड़ियों के टायर फट रहे हैं, जो हादसों का कारण भी बन रहे हैं।
टायर फटने से एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसे
Agra News: उत्तर प्रदेश समेत देश के अधिकांश राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। जिसका प्रभाव लोगों के साथ-साथ अब गाड़ियों पर भी देखने को मिल रहा है। गर्मी के मौसम में यमुना एक्सप्रेसवे सूरज की तपिश के कारण तपने लगा है। जिसके कारण वाहनों के टायर फटने की घटनाएं हो रही हैं। गर्मी आते ही यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों की संख्या भी बढ़ गई है। ये हादसे ज्यादातर वाहनों के टायर फटने के कारण हो रहे हैं। दरअसल सड़क और पहिए के बीच घर्षण हो रहा है, जिसकी वजह से टायर फटने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।
क्यों फट रहे हैं गाड़ियों के टायर
आगरा में रविवार को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28.9 डिग्री दर्ज हुआ है। बढ़ते पारे को देखते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहन चालकों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। यमुना एक्सप्रेसवे अद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) से हादसों के आंकड़े मिले हैं। जिसके अनुसार वाहन का टायर फटना सड़क हादसों की तीसरी बड़ी वजह रही है। गर्मी बढ़ने के साथ ही सीमेंट और कंक्रीट से बना यमुना एक्सप्रेसवे तपने लगा है। कंक्रीट की सड़कों पर टायर से घर्षण में ज्यादा हीट पैदा हो रही है। जिसकी वजह से टायर फट रहे हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए एक्सीडेंट के आंकड़ें
हादसे की संख्या | हादसे का कारण | मृतकों की संख्या | घायलों की संख्या |
3207 | नींद आना | 488 | 3873 |
1302 | ओवरस्पीडिंग | 197 | 1816 |
760 | टायर फटना | 90 | 1219 |
341 | घना कोहरा | 76 | 679 |
263 | शराब पीकर ड्राइविंग | 87 | 371 |
133 | यांत्रिक कमी | 17 | 155 |
86 | पदयात्री | 24 | 34 |
1164 | लापरवाही एवं अन्य कारण | 263 | 2373 |
आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन को येडा से मिली हादसों की सूचना के अनुसार यमुना एक्सप्रेसवे पर 2012 से 2023 तक कुल 7,256 हादसे हुए हैं। इनमें मृतकों की संख्या 1,237 और घायलों की संख्या 10,520 है। आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा हादसे ड्राइवर को नींद आने की वजह से हुए। वहीं ओवरस्पीडिंग हादसों की दूसरी सबसे बड़ी वजह रही।
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टायरों को फटने से कैसे बचाएं
संभागीय निरीक्षक टेक्निकल देवदत्त कुमार ने बताया कि वाहनों में सुरक्षा के लिहाज से नाइट्रोजन गैस इस्तेमाल की जानी चाहिए। उनके अनुसार टायरों में सामान्य हवा को न भरवाकर इसकी जगह नाइट्रोजन गैस भरवाएं। यह गैस ठंडी होती है और अब यह आसानी से पेट्रोल पंप या अन्य दुकानों पर मिल जाती है। टायर में नाइट्रोजन गैस भरने पर अंदर के ऑक्सीजन पार्टिकल डाल्यूट हो जाते हैं साथ ही टायर में प्रेशर भी सही रहता है। यह गैस टायरों को गर्मी के मौसम में ठंडा रखने का काम करती है और इसके इस्तेमाल से टायर की लाइफ भी बढ़ती है।
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