भीषण गर्मी के बीच आगरा में जलसंकट की आहट! 45 दिन तक हो सकती है पानी की भारी कमी; जानें वजह

15 मई से 30 जून तक जलापूर्ति प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है। इस संकट से शहर को बचाने के लिए जल कल विभाग, सिंचाई विभाग, अलीगढ़ और जल निगम के अधिकारियों के बीच विकल्पों पर विचार किया जाता है। आइए जानें कितने दिों तक आगरा में पानी की कमी रहेगी-

water agra

आगरा में जल संकट

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में गर्मी के दौरान मई से लेकर जून तक जल संकट बना रहता है। ऐसे में शहरों में जल संकट को लेकर 15 मई से 30 जून तक जलापूर्ति में कभी होने आशंका जताई गई है। इस समस्या से शहर को बचाने के लिए सिंचाई विभाग अलीगढ़ और जल निगम के अधिकारियों के बीच विकल्पों पर मंथन चल रहा है। लेकिन, इसे लेकर अभी ये तय नहीं हुआ है कि आगरा को इस दौरान गंगाजल मिलेगा या नहीं। बुलंदशहर के पालड़ा फाल से आगरा को हर दिन 150 क्यूसेक गंगाजल पाइपलाइन के जरिए दिया जाता है।

15 मई से 30 जून तक जलसंकट

भीषण गर्मी में मई-जून में शहर में डेढ़ माह तक जल संकट बना रहता है। 15 मई से 30 जून तक जलापूर्ति प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है। इस संकट से शहर को बचाने के लिए जल कल विभाग, सिंचाई विभाग, अलीगढ़ और जल निगम के अधिकारियों के बीच विकल्पों पर विचार किया जाता है। लेकिन, इस संकट को लेकर अभी यह फैसला नहीं लिया जा सका है कि आगरा को इस अवधि में कितना गंगाजल मिलेगा। बुलंदशहर के पालड़ा फाल से आगरा को दिन में 150 क्यूसेक गंगाजल पाइपलाइन के जरिए मिलता है। इसमें से 10 क्यूसेक मथुरा को जाता है। 140 क्यूसेक पानी से जीवनी मंडी और सिकंदरा वाटरवर्क्स से शहर को सप्लाई की जाती है। मई-जून की भीषण गर्मी में लगभग 45 दिनों तक गंगाजल न मिलने से जीवनी मंडी प्लांट से पानी नहीं मिल पाएगा।

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इस तरह होती है गंगाजल की आपूर्ति

आपको बता दें कि उत्तराखंड के टिहरी झील से अपर गंगा कैनाल पालड़ा फाल को पानी दिया जाता है। पालड़ा फाल पर सेंडिमेंटेशन टैंक बनाया गया है। यहां से पाइपलाइन के जरिए आगरा को पानी की सप्लाई मिलती है।

गंगाजल की आपूर्ति हो सके, इसके लिए अपर गंगा कैनाल से नदी-नहरों को मिलने वाले पानी को बंद किए जाने पर काम चल रहा है। इसके लिए दूसरे विकल्पों पर विजार किया जा रहा है।

नहीं हो पाती है पर्याप्त पानी की सप्लाई

महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह का कहना है कि वहीं सिकंदरा वाटरवर्क्स पर यमुना जल शोधन 144 एमएलडी क्षमता वाले एमबीबीआर प्लांट से होता है। लेकिन, यह भी 100 एमएलडी क्षमता से ज्यादा नहीं चल पाता है। यहां से भी पर्याप्त पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है। वहीं बिचपुरी में महापौर को बंद मिला 36 एमएलडी एमपीएस विचपुरी में एमपीएस का निरीक्षण करतीं महापौर हेमलता।

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बंद पड़ा है एसटीपी सदरवन

बिचपुरी स्थित 36 एमएलडी, मुख्य पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) का गुरुवार को महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने निरीक्षण किया। एमपीएस चालून मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई। कई दिनों से एसटीपी सदरवन बंद पड़ा था। लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए महापौर ने 10 दिन पहले महाप्रबंधक जलकल और बवाग की टीम को स्थलीय निरीक्षण कर एसटीपी को चालू करने के निर्देश दिए थे।

45 दिनों तक रहेगी पानी की कमी

जब एसटीपी शुरू नहीं हुआ तो महापौर ने गुरुवार को निरीक्षण किया। सकेगी। जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि लगभग 45 दिनों तक पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पाएगी। उत्तराखंड के टिहरी बांध से ही पानी कम आएगा। इस स्थिति में पालड़ा फाल को 12 हजार क्यूसेक के स्थान पर सिर्फ 6 हजार क्यूसेक पानी ही मिल सकेगा, जिसमें से गाजियाबाद, मेरठ आदि शहरों को भी जलापूर्ति की जाएगी। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि आगरा को इसमें से कितना पानी मिलेगा।

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Maahi Yashodhar author

माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिटिक्स न्यूज कवर करती हैं। इसके अलावा वह डेवलपमेंट क...और देखें

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