Agra News: साइबर ठगों ने फैलाया मकड़जाल, आगरा से थाईलैंड-दुबई तक नेटवर्क , जानें क्या है पूरा मामला

आगरा से दिल्ली, दुबई और थाईलैंड तक फैली साइबर ठगी (Cyber Crime) पर काबू पाने के लिए आगरा पुलिस ने अब, सिमकार्ड डीलर (Mobile Sim Dealers) और विक्रेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में Agra Police ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Agra Police Tightened its Grip on SIM Card Dealers and Sellers To Stop Cyber Fraud

आगरा पुलिस ने सिम कार्ड डीलर और विक्रेताओं को गिरफ्तार किया

Agra News: शहरों में साइबर ठगी के मामले आम होते जा रहे हैं। दूसरे देशों में बैठकर साइबर ठग आपके शहर के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। साइबर ठगी (Cyber Fraud) के लिए ये लोग फर्जी सिम का प्रयोग करते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारतीय सिम विदेश कैसे जा रही है। इस प्रकार की साइबर ठगी को रोकने के लिए अब, सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले डिस्ट्रीब्यूटर और विक्रेताओं पर भी पुलिस शिकंजा कस रही है। ऐसा ही एक मामला आगरा शहर से सामने आया है। यहां पुलिस ने सिम उपलब्ध करवाने वाले 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि यह कैनोपी लगाकर लोगों के बायोमेट्रिक लेते हैं और फर्जी सिम जारी करते हैं। साइबर ठगी करने के लिए सिम का प्रयोग कर अकाउंट और ई-वॉलेट आईडी बनाई जाती है। इस सिम का प्रयोग करते हुए लोगों के साथ लाखों की ठगी को अंजाम दिया जाता था। इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने विक्रेताओं पर भी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। आइए आपको इस मामले की पूरी जानकारी दें।

सिम उपलब्ध करवाने वाले विक्रेता गिरफ्तार

आगरा पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर ठगी के लिए सिम उपलब्ध करवाने के मामले में शामिल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शाहरुख, गौतम व उसकी पत्नी, तौहीद खान व उसकी पत्नी, रोहित कुरैशी, शहबाज खान व उसकी पत्नी, दुर्गेश कुमार और आदित्य नाम के लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों के पास से 420 सिम बरामद की गई है। पुलिस की इस कार्रवाई से आगरा से दिल्ली और यहां से विदेशों तक फैले साइबर ठगी के नेटवर्क के बारे में जानकारी मिली।

साइबर ठगी के बारे में बात करते हुए डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया कि सिम नंबर के माध्यम से डीलर और विक्रेताओं की जानकारी मिली है। इस प्रकार एक के बाद एक कड़ियों को जोड़ा गया तो साइबर ठगी के बारे में पता लगा। डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि अब, दुबई और थाईलैंड में बैठकर जिन खातों का उपयोग किया जा रहा है उनके बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि इतनी बड़ी संख्या में सिमकार्ड विदेश कैसे पहुंचे। इसके पीछे कौन है आदि की जानकारी निकालने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानाकरी एकत्रित की जा रही है।

कैसे करते हैं सिम का उपयोग

साइबर ठगी के लिए सिम का प्रयोग ई-वॉलेट और खाता खोलने के लिए किया जाता है। इस दौरान सिम नंबर पर आए ओटीपी की सहायता से ऑनलाइन अकाउंट एक्टिवेट होता है, जो आगे पैसे ट्रांसफर करना और निकालना आसान बनाता है। इन सिम से ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश सिम को बंद करके नष्ट कर देते हैं।

साइबर ठगी में डीलर और विक्रेताओं की भूमिका

आगरा पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से साइबर ठगों को सिम उपलब्ध करवाने के मामले पर सवाल जवाब किए तो मालूम हुआ कि सिम के माध्यम से खाता खुलवाने वाले एजेंटों को साइबर ठगी से खाते में आने वाली रकम का 5 प्रतिशत का कमीशन देते है।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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