मोहब्बत की निशानी को बेदाग रखने में खर्च किए 1.73 करोड़, ताकि चांद-सा चमकता रहे ताजमहल

ताजमहल को सुरक्षित और बेदाग रखने के लिए मडपैक ट्रीटमेंट किया जाता है। साल 2007 से अबतक 10 बार इस ट्रीटमेंट को किया गया है। इसके अंदर स्थित मकबरे के अंदर और बाहर, मकबरे की छत पर बनीं चारों बुर्जियों, चमेली फर्श, मीनारों को भी मडपैक कर चमकाया गया है। आइए जानते हैं कि क्या बार-बार मडपैक ट्रीटमेंट से इसे साफ करना सेफ है-

आगरा, ताजमहल

Agra: आगरा की खूबसूरत धरोहर तामहल को साफ और सुरक्षित रखने की पूरी तैयारी रहती है। प्रेम की इस इमारत को बेदाग रखने के लिए इसकी देख-रेख में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। आगरा में ताजमहल पर प्रदूषण की कालिख से लगे दागों को मडपैक ट्रीटमेंट से साफ करने पर 1.74 करोड़ रुपये खर्ज किए जा चुके हैं। साल 2007-08 से 2022-23 तक 10 बार ताजमहल में मडपैक ट्रीटमेंट किया गया। ताजमहल के अंदर स्थित मकबरे के अंदर और बाहर, मकबरे की छत पर बनीं चारों बुर्जियों, चमेली फर्श, मीनारों को मडपैक कर चमकाया गया है। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) बनने के बावजूद ताजमहल पर गंदगी और कार्बन कण जमा हो जाते हैं।

आगरा किला और ताजमहल के मध्य स्थित ताज हेरिटेज कारीडोर पर विकसित किए गए उद्यान के पास यमुना की तलहटी में रविवार शाम 5:30 बजे के करीब आग लग गई। आग लगने से उठा धुआं ताजमहल की तरह जाता रहा। आगरा किला से पर्यटकों ने इसका वीडियो भी बनाया, जो इंटरनेट मीडिया में वारयल भी हो रहा है। शनिवार को भी हाथी घाट के पास झाड़ियों में धुआं उठ रहा था।

इस तरह तैयार होता है मडपैक ट्रीटमेंट

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