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मुगल बादशाह अकबर ने जिस जमीन को बनाया था राजधानी, वो फहतेपुर सीकरी बूंद-बूंद पानी को तरस रही; सभी बावड़ियां सूखीं

जिस फतेहपुर सीकरी को कभी अकबर ने अपनी राजधानी बनाया था। जिस फतेहपुर सीकरी में अकबर ने 52 बावड़ियां बनवाई थीं। वही फतेहपुर सीकरी अब पानी के लिए तरस रहा है। यहां की सभी बावड़ियां सूख चुकी हैं। किसान लंबे समय से सिंचाई विभाग के आगे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

Fatehpur sikri bawariFatehpur sikri bawariFatehpur sikri bawari

फतेहपुर सीकरी में सभी बावड़ियां सूखीं

अभी फरवरी का महीना भी आधा नहीं बीता है। अभी से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी का एहसास होने लगा है। यही नहीं आगरा के पास फतेहपुर सीकरी में तो पानी की किल्लत से सभी परेशान हैं। यहां की तमाम बावड़ियां भी सूख चुकी हैं। किसान पानी के लिए आंदोलन कर रहे हैंष 10 हेक्टेयर जमीन जमीन बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है। फतेहपुर सीकरी में यह समस्या नई नहीं है, बल्कि इसे लंबा समय हो गया है। 30 महीने से किसान सिंचाई विभाग के सामने धरना दे रहे हैं। पिछले 1 दशक से फतेहपुर सीकरी के 50 गांवों में जलसंकट बड़ी समस्या बना हुआ है।

आज जिस फतेहपुर सीकरी में किसान जल संकट के चलते आंदोलन करने को मजबूर हैं। कभी मुगल बादशाह अकबर ने उसे अपनी राजधानी बनाया था। साल 1572 की है, जब बादशाह अकबर ने फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया था। राजस्थान की सीमा से सटा यह इलाका उस समय भी बंजर और वीरान था। बादशाह अकबर ने उस समय यहां पर जल संचय की उन्नत नीतियां अपनाईं।

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