Jodhpur Jhal: पर्यटकों को मिलेगा एक और टूरिज्म स्पॉट, आगरा में जोधपुर झाल होगा वेटलैंड के रूप में विकसित

Agra Jodhpur Jhal: जोधपुर झाल को वेटलैंड के रूप में विकसित किया जाएगा। इसे पक्षी विहार के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके लिए सात करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। वेटलैंड में घना जंगल विकसित होगा ताकि पक्षियों का प्रजनन बढ़ सके। वेटलैंड के चारों तरफ वॉच टावर, सड़क और प्राकृतिक बाड़ लगाई जाएगी।

Agra jodhpur jhal

जोधपुर झाल बनेगा पर्यटनक का केंद्र

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • वेटलैंड के रूप में विकसित होगा जोधपुर झाल
  • इसके लिए जारी किए गए सात करोड़ रुपये
  • वेटलैंड में घना जंगल होगा विकसित

Agra Jodhpur Jhal: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक और पर्यटन स्थल होगा। अब आगरा और मथुरा की सीमा पर 64 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला जोधपुर झाल वेटलैंड (आर्द्रभूमि) के रूप में विकसित होगा। दरअसल, आठ माह पहले जून 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोधपुर झाल को वेटलैंड के रूप में विकसित करने का एलान किया था। अब इसकी योजना को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए सात करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। जोधपुर झाल तक जाने के लिए रास्ता और वेटलैंड में बुनियादी संसाधन बनाने के लिए उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद ने राजकीय निर्माण निगम को जिम्मेदारी सौंप दी है।

आपको बता दें कि जोधपुर झाल वेटलैंड मथुरा के फरह ब्लॉक स्थित कोह ग्राम पंचायत में स्थित है। कभी ताजनगरी नहर से आने वाले पानी के जहाजों का यह बंदरगाह हुआ करता था। जहां से छोटी नावों के जरिए आगरा तक माल पहुंचता था।

सबसे पहले तीन किलोमीटर लंबी सड़क का होगा निर्माणआगरा की सभी नहरें इसी स्थान से कनेक्ट हैं। 70 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जोधपुर झाल तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है। सात करोड़ रुपये में तैयार किए गए प्रोजेक्ट में सबसे पहले तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होगा, जिससे पक्षी प्रेमियों को यहां तक आने में परेशानी ना हो। बीआरडीएस के अध्यक्ष डॉ. केपी सिंह के अनुसार, जोधपुर झाल पर 184 पक्षियों की प्रजातियां रिकॉर्ड की जा चुकी हैं। इनमें 139 आवासीय और 45 प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां शामिल हैं। सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाले जोधपुर झाल में स्थलीय व जलीय पक्षियों की करीब 50 से अधिक प्रजातियां प्रजनन करती हैं। इस वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पर प्राकृतिक वनस्पतियों की 70 से ज्यादा प्रजातियों को रिकॉर्ड किया गया है।

प्रवासी पक्षियों के आने की है खास वजहयहां प्रवासी पक्षियों के आने की अहम वजह भी है। कम गहराई के जल निकाय, घास, उथला पानी, दलदली जमीन, लवणीय मिट्टी में बारिश के पानी का संचय, कई तरह की घास है, जिसमें प्रवासी पक्षियों के लिए भरपूर भोजन प्राप्त होता है। जोधपुर झाल वेटलैंड वेडर और शोरबर्ड पक्षी वर्ग की प्रजातियों की आदर्श जगहों में शामिल है। इससे सटे धान के खेतों में पक्षियों को भोजन भी मिल जाता है। यहां पक्षियों का प्रवास अक्तूबर से फरवरी तक रहता है।

ये होंगे कामवेटलैंड पर प्रवासी पक्षियों के अनुकूल बंधियों का निर्माण किया जाएगा। बर्ड इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। यहां पक्षियों की जानकारी मिलेगी। वेटलैंड में घना जंगल विकसित होगा ताकि पक्षियों का प्रजनन बढ़ सके। वेटलैंड के चारों तरफ वॉच टावर, सड़क और प्राकृतिक बाड़ लगाई जाएगी। बृज तीर्थ विकास परिषद के सलाहकार मुकेश शर्मा ने कहा कि परिषद ने योजना की मंजूरी देने के बाद टेंडर निकाल दिया है। राजकीय निर्माण निगम यह प्रोजेक्ट करेगा। दो वर्ष के अंदर सड़क, वॉच टावर और इंटरप्रिटेशन सेंटर समेत पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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