Agra News: आगरा में भाई-बहन ने बचाई 16 बेजुबानों की जिंदगी, बंद बोरे में हलचल देख खोला तो उड़ गए होश

Agra: ताजनगरी आगरा में भाई-बहन ने बोरे में बंद मिले 16 पिल्लों की जान बचाई है। भाई-बहन ने उन्हें बचाकर एक डॉग शेल्टर होम को सौंप दिया है। बोरे में बंद मिले कई पिल्लों की आंखें भी नहीं खुली थीं। वहीं, शेल्टर होम के कार्यकर्ताओं ने पिल्लों को दूध पिलाने का प्रयास किया, लेकिन पिल्ले बोतल से दूध नहीं पी पाए।

आगरा में भाई-बहन ने बचाई बेजुबानों की जिंदगी

मुख्य बातें
  • आगरा में भाई-बहन ने बचाई बेजुबानों की जिंदगी
  • भाई-बहन ने बोरे में बंद 16 पिल्लों की बचाई जान
  • सभी पिल्लों को डॉग शेल्टर होम को सौंपा

Saved Lives Of 16 Puppies In Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। किसी शरारती तत्व ने 16 पिल्लों को बोरे में बंद करके फेंक दिया। रविवार को युवक और युवती ने बोरे में हलचल होते देखकर इसे खोला तो उनके होश उड़ गए। बोरे में 16 पिल्ले निकले। इसके बाद कैस्पर्स होम की टीम को फोन किया और पिल्लों का रेस्क्यू किया गया। कैस्पर्स होम के कार्यकर्ताओं ने पिल्लो को दूध पिलाने का प्रयास किया, लेकिन पिल्ले बोतल से दूध नहीं पी पाए। इसके बाद एक फीमेल डॉग को लाया गया। फीमेल डॉग ने 16 पिल्लों को दूध पिलाया। कैस्पर्स होम के कार्यकर्ताओं ने फीमेल डॉग का नाम यशोदा रखा। ऐसे में कैस्पर्स होम में नवजात पिल्लों को नई मां भी मिल गई। इसके बाद कैस्पर्स होम की टीम ने राहत की सांस ली। यह पूरा मामला न्यू आगरा में ओम साईं सेंटर के पास का है।

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दरअसल, न्यू आगरा के रहने वाले नताली शर्मा और ट्विंकल रात के समय साईं अस्पताल से घर लौट रहे थे। इस दौरान उनकी नजर सड़क किनारे पड़े एक बोरे पर पड़ी। भाई-बहन ने बोरे में हलचल देख उसे खोला, उसमें पिल्ले भरे थे। दोनों ने सभी पिल्लों को बोरे से बाहर निकाला। बोरे में पिल्लों को देखकर मौके पर भीड़ जमा हो गई।

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कई पिल्लों की आंखें भी नहीं खुलीइसी दौरान किसी ने डॉग शेल्टर होम कैस्पर्स होम संचालिका विनीता अरोड़ा को फोन कर दिया। सूचना मिलते ही कैस्पर्स होम की टीम मौके पर पहुंची। टीम सभी पिल्लों को डॉग शेल्टर होम ले जाया गया। कैस्पर्स होम की संस्थापक विनीता अरोड़ा के अनुसार, न्यू आगरा में 16 पिल्ले बोरे में बंद मिले थे, इनकी जिंदगी दो बच्चों ने बचाई है। टीम इन्हें सेंटर पर लाई। उन्होंने बताया कि, कई पिल्लों की आंखें भी नहीं खुल पाई थीं। उससे पहले ही किसी ने उन्हें मारने के लिए ही बोरे में बंद कर फेंका गया। उनकी टीम ने बच्चों को दूध की बोतल से पाउडर वाला दूध पिलाने की कोशिश की, लेकिन बच्चों ने दूध नहीं पिया।

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