Aadhaar card: अब बिना जन्म प्रमाण पत्र के नहीं बनेगा बच्चों का आधार कार्ड, ये हैं UIDAI के नए नियम
Aadhaar card: यूआईडीएआई ने आधार कार्ड के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब 0 से पांच वर्ष तक के बच्चों के आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र और पांच वर्ष से ऊपर के लिए सरकारी प्रमाण पत्रों से ही आधार कार्ड बन सकेंगे। जनप्रतिनिधियों का सत्यापित फार्म महज अब पता प्रमाणित करने के काम आएगा।
यूआईडीएआई ने आधार कार्ड के नियमों में किया बदलाव
मुख्य बातें
- अब बगैर जन्म प्रमाण पत्र के बच्चों का आधार कार्ड नहीं बनेगा
- यूआईडीएआई ने आधार कार्ड के नियमों में किया बदलाव
- विधायक और सांसद के सत्यापन से बनने वाले आधार कार्ड पर अब रोक
Aadhaar card: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यूआईडीएआई ने स्कूल कार्ड, प्रधानाध्यापक, पार्षद, विधायक और सांसद के सत्यापन से बनने वाले बच्चों और बड़ों के आधार कार्ड पर अब रोक लगा दी गई है। अब 0 से पांच वर्ष तक के बच्चों के आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र और पांच वर्ष से ऊपर के लिए सरकारी प्रमाण पत्रों से ही आधार कार्ड बन सकेंगे। 26 जनवरी से नया नियम लागू हुआ है। इससे आगरा के हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नए नियम के अनुसार, जनप्रतिनिधियों का सत्यापित फार्म महज अब पता प्रमाणित करने के काम आएगा।
दरअसल, आधार कार्ड में लगातार फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे थे, इस पर यूआईडीएआई ने नियमों में बदलाव किया है। पहले 0 से पांच वर्ष तक के बच्चों के आधार कार्ड आसानी से बन जाते थे। बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की परिजनों को जरूरत नहीं होती थी।
जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र से ही बनेंगे बच्चों के प्रमाण पत्रस्कूल कार्ड, स्कूल प्रधानाचार्य और जनप्रतिनिधि यूआईडीएआई का एक फार्म सत्यापित कर देते थे। उस फार्म के साथ माता-पिता का आधार अटैच किया जाता था और बच्चे का आधार कार्ड बन जाता था। पांच से 18 वर्ष के आधार कार्ड में भी यही नियम था, लेकिन इस प्रक्रिया पर 26 जनवरी से रोक लगा दी है। अब 0 से पांच वर्ष के बच्चों के आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र से ही बनाए जा रहे हैं। वहीं, पांच वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों को सरकारी प्रमाण पत्रों की जरूरत है। इसमें भारतीय पासपोर्ट, पैनकार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी सेवा का पहचान पत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र, पेंशनर फोटो आईडी, सरकारी मेडिक्लेम कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, एससी, एसटी, ओबीसी प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त बोर्ड और यूनिवर्सिटी से जारी मार्कशीट ही मान्य है। इसके बाद ही आधार कार्ड जारी किया जाएगा।
पते में संशोधन के लिए इनकी जरूरतइसके अलावा, आधार कार्ड में पता संशोधन कराने के लिए आवेदकों को परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। वो पार्षद, विधायक, सांसद, तहसीलदार या किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित स्टैंडर्ड फार्म का भी उपयोग कर सकते हैं। 0 से 18 साल तक के आवेदकों के आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि में परिवर्तन के लिए अधिकृत जन्म प्रमाण पत्र जरूरी है। एक आधार सेवा केंद्र के मैनेजर ने बताया कि 26 जनवरी से यूआईडीएआई ने नियमों में बदलाव किया है। अब 0 से पांच वर्ष की आयु के आधार कार्ड बगैर जन्म प्रमाण पत्र के नहीं बन रहे हैं। स्कूल का आईकार्ड, प्रधानाचार्य और जनप्रतिनिधियों द्वारा सत्यापित फार्म अब बंद कर दिए है। पांच वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों के आधार कार्ड में सरकारी दस्तावेज ही मान्य हैं।
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