आखिर कहां है चूतरटेका मंदिर, जानें किस भगवान से जुड़ा है इस जगह का नाता

गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के दौरान पड़ने वाले पवित्र स्थलों में से एक चूतरटेका मंदिर भी है। यह मंदिर बहुत पुराना है और इसकी मान्यता भी बहुत है। गोवर्धन पर्वत पर बड़ी संख्या में लोग परिक्रमा के लिए आते है।

Chutarteka temple

गोवर्धन में चूतरटेका मंदिर (फोटो साभार- ट्विटर)

मुख्य बातें
  • गोवर्धन का धार्मिक स्थल चूतरटेका मंदिर
  • भगवान कृष्ण और हनुमान से जुड़ी है कथा
  • मंदिर में भक्तों का बैठना शुभ

भारत में ऐसी बहुत सी जगहें है जिनके नाम इतने अजीब है कि आपको उस जगह के पीछे की कहानी जानने की इच्छा तो जरूर होती होगी। ऐसी ही एक जगह का नाम है चूतरटेका। भले ही ये नाम सुनने में अटपटा लगे या बोलने में थोड़ी शर्म महसूस हो, लेकिन असल में यह एक मंदिर का नाम है जिसकी मान्यता भी श्रद्धालुओं में बहुत ज्यादा है। यह मंदिर गोवर्धन में बना हुआ है और जब गोवर्धन का जिक्र आता है तो जरूर से यह मंदिर भगवान कृष्ण से ही जुड़ा हुआ होगा, लेकिन इस मंदिर के मामले में ऐसा कहना पूरी तरह से सही नहीं है। असल में इस मंदिर के पीछे की दो कहानियां मशहूर है इनमें पहली कहानी तो श्री कृष्ण से ही जुड़ी है लेकिन इसकी दूसरी कहानी रामायण काल से जुड़ी है।

शुभ है मंदिर में बैठना

आस्था के प्रतीक गोवर्धन पर्वत पर हजारों लोग परिक्रमा के लिए आते है। ऐसी मान्यता है कि इस पर्वत की परिक्रमा करने वाले लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा में बहुत से धार्मिक स्थल आते है इन्हीं में से एक है चूतर टेका मंदिर। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि इसका मतलब बैठने से है, इस मंदिर में पूजा करने वाले लोगों का यहां थोड़ी देर रुककर बैठना बहुत शुभ माना जाता है। इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और राधा-कृष्ण की मूर्तियां स्थापित है। इस मंदिर में हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है।

मंदिर से जुड़ी कथाएं

रामायण काल से जुड़ी हुई कहानी के अनुसार जब लंका जाने के लिए समुद्र पर पुल बनाने के लिए पत्थरों की जरूरत पड़ी, तो राम भक्त हनुमान पत्थर लाने के लिए द्रोणगिरी पर्वत के पास पहुंचे। द्रोणगिरी ने अपने बेटे गोवर्धन को हनुमान के साथ भेजा, लेकिन रास्ते में उन्हें संदेश मिला कि पुल बनाने के लिए अब पत्थरों की जरूरत नहीं है। जिसके बाद हनुमान ने गोवर्धन पर्वत को ब्रज क्षेत्र में रख दिया और आराम करने के लिए कुछ देर वहीं बैठ गए, इसी कारण इस स्थान का नाम चूतरटेका पड़ गया। भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई कथा के अनुसार गोवर्धन पर्वत को उठाने के बाद कृष्ण ने ब्रजवासियों के साथ इस पर्वत परिक्रमा की और यही पर कुछ देर आराम किया, इसलिए इस जगह को चूतरटेका कहा जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | आगरा (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

Pooja Kumari author

पूजा सितंबर 2023 से Timesnowhindi.com से जुड़ी हुई हैं। यहां बतौर कॉपी एडिटर सिटी न्यूज, मेट्रो- रेल और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, डेवलपमेंट, मौसम, क्राइम, ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited