Agra Cleanliness Campaign: गीला और सूखा कचरा अलग न रखा तो कल से लगेगा जुर्माना, 31 तक चलेगा स्वच्छता अभियान

Cleanliness Campaign: प्रदेश को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान के बाद अब गंदगी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। इसके लिए 4 से 31 मार्च तक स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) द्वारा डोर टू डोर विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान सभी नगर निकायों में ऐसा करने वालों से 2000 रुपये तक जुर्माना वसूलने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

31 मार्च तक चलेगा विशेष स्वच्छता अभियान

मुख्य बातें
  • आगरा में बड़े स्तर पर चलेगा स्वच्छता अभियान
  • डस्टबिन में अलग-अलग रखना होगा गीला और सूखा कचरा
  • अंतर नहीं करने पर लगाया जाएगा जुर्माना


Cleanliness Campaign: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डस्टबिन में रखना होगा। दोनों कचरों में अंतर नहीं करने पर शनिवार से जुर्माना लगाया जाएगा। 31 मार्च तक 100 वार्डों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान रोजाना सुबह 5 से 8 बजे तक फील्ड में सफाईकर्मियों, स्वच्छता निरीक्षक, जेडएसओ और सुपरवाइजर का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने अधीनस्थों के साथ बैठक कर शहर में साफ-सफाई बढ़ाने के दिशा-निर्देश दिए। इसके लिए शनिवार से 100 वाडों में दस्तक अभियान का तीसरा फेस भी लागू हो जाएगा। इसमें गीले और सूखे कचरा में अंतर नहीं करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव के अनुसार, एक से 15 फरवरी तक पहले चरण में लोगों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए अनुरोध किया था। फिर 16 फरवरी से 3 मार्च तक उन जगहों को चिह्नित किया, जहां सूखा और गीला कचरा अलग नहीं हो रहा था।

कंपनी के पास कूड़ा उठान के पर्याप्त संसाधन नहींअपर नगर आयुक्त के अनुसार, अब चार मार्च से 31 मार्च तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें 250 से 500 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं, डोर-टू-डोर कलेक्शन करने वाली स्वच्छता कॉरपोरेशन कंपनी सभी 100 वाडों में कचरा नहीं उठा पा रही। हर मार्च 45 लाख रुपये का ठेका होता है। कंपनी के पास कूड़ा उठान के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं है। 275 गाड़ियों और 1800 कर्मचारियों से 100 वार्डो में कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी कंपनी की है। ताजनगरी में रोजाना 900 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है। जिसमें 500 मीट्रिक टन सूखा और 400 मीट्रिक टन गीला कचरा शामिल होता है।

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