Agra News: ताजमहल की चांद जैसी खुबसूरती पर कीड़े लगा रहे दाग, एक साल में तीसरी बार किया हमला

ताजमहल पर एक बार फिर से कीड़ों ने हमला कर दिया है। इस साल में यह तीसरी बार है, जब इन कीड़ों ने ताजमहल पर अटैक किया है। इन कीड़ों के कारण सफेद संगमरमर का रंग बदरंग होता जा रहा है।

ताजमहल पर कीड़ों का हमला (फोटो साभार - ट्विटर)

Taj Mahal Insects Attack: ताजमहल की खूबसूरती पर गोल्डीकायरोनोमस नाम के कीड़े दाग लगा रहे हैं। इनके हमलों से ताज के सफेद संगेमरमर हरे हो रहे हैं। इन कीड़ों ने ताज पर एक बार फिर हमला कर दिया है। इससे पहले अप्रैल और अक्टूबर में कीड़ों ने ताज पर अटैक किया था। जिसके बाद अब नवंबर के अंत में फिर से इन्होंने हमला कर दिया। कीड़ों के हमले के कारण सफेद संगेमरमर बंदरंग होता जा रहा है। जिसे साफ करने के लिए ताजमहल की दीवारों को लगातार पानी से धुलकर पोंछा जा रहा है।

2015 में आए थे पहली बार नजर

गोल्डीकायरोनोमस नाम के ये कीड़े सबसे पहले 2015 में ताजमहल पर नजर आए थे। उस समय ताज की उत्तरी दीवार पर इन कीड़ों द्वारा छोड़ी गई गदंगी पहली बार देखी गई थी। जिसके बाद इन कीड़ों पर शोध भी किया गया था, जिसे एएसआई की रसायन शाखा और सेंट जोंस कॉलेज के विशेषज्ञों ने साथ मिलकर किया था। इस शोध के बाद इन कीड़ों के बारे में अधिक जानकारी मिली। इन कीड़ों के कारण हर साल ताजमहल की सफेद दीवारें गंदी हो रही हैं, जिन्हें पानी से धोकर साफ भी किया जा रहा है। लेकिन इन कीड़ों का हमला अभी तक रुका नहीं है।

यमुना की गदंगी में पनपते है कीड़े

ताजमहल पर अटैक करने वाले ये कीड़े यमुना की गदंगी की देन हैं। नदी की गदंगी में ही ये कीड़ें पनपते हैं और फिर ताजमहल की दीवारों पर बैठकर अपनी गदंगी छोड़ते हैं, जिससे ताजमहल की दीवारें बदरंग हो रही है। ये कीड़े सबसे ज्यादा मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर के समय में पैदा होते हैं। मादा कायरोनोमस कीट एक बार में एक हजार के करीब अंडे देती है। यही कीट बाद में ताजमहल की संगमरमर की दीवारों पर चिपक जाते हैं। ये कीट इतने छोटे होते है कि इन्हें खुली आंखों से देखने में मुश्किल होती है।

End Of Feed