यूपी में चार नए शहरों का प्लान बना, लेकिन एक पर अभी से संकट के बादल, जानें कहां अटका मामला...

यूपी में चार नए शहरों को विकसित करने का प्लान बनाया गया था। इसमें यमुना सिटी, अलीगढ़ अर्बन सेंटर, नया वृंदावन और नया आगरा शामिल है। लेकिन विकसित होने वाले एक नए शहर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आइए आपको उस नए शहर के बारे में बताएं-

Agra Development Authority

आगरा विकास प्राधिकरण

उत्तर प्रदेश तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बीच यूपी में चार नए शहर यमुना सिटी, अलीगढ़ अर्बन सेंटर, नया वृंदावन और नया आगरा बसाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें से एक शहर ऐसा है जिसके विकास कार्य में कई बाधाएं हैं। बता दें कि इन चार नए शहरों में से एक आगरा में विकसित किया जा रहा है। ताजनगरी में एक नई टाउनशिप का विकास करने की तैयारी की जा रही है। इस टाउनशिप का विकास आगरा विकास प्राधिकरण (Agra Development Authority- ADA) द्वारा किया जाएगा। ककुओ व भांडई में इसका विकास किया जाना है। लेकिन एडीए के गैर-जिम्मेदार रवैया के कारण इसका विकास फंसता हुआ नजर आ रहा है।

टाउनशिप के विकास के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमि होती है। लेकिन अभी तक एडीए भूमि का अधिग्रहण भी सही तरह से नहीं कर पाई है। क्योंकि एडीए के पास भूमि खरीदने का फंड नहीं है और फंड कैसे जुटाया जाए ये भी एडीए के अधिकारियों को नहीं मालूम। मिली जानकारी के अनुसार, दो महीने पहले पूर्व मंडलायुक्त द्वारा टाउनशिप के विकास के लिए भूमि खरीदने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। अब कार्य पूरा करने के लिए मात्र 1 महीने का समय बाकी रह गया है। ऐसे में टाउनशिप का विकास फंसा हुआ नजर आ रहा है।

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अभी तक कितनी जमीन का खरीदी गई

तीन महीने के समय में ककुओ व भांडई में विकसित होने वाली टाउनशिप के लिए केवल 12 हेक्टेयर भूमि ही किसानों से खरीदी गई है। जबकि टाउनशिप का विकास 138 हेक्टेयर भूमि पर किया जाना है। बता दें कि 22 दिनों में कोई बैनामा भी नहीं हुआ है। इससे विकास कार्य शुरू होना तो दूर की बात, भूमि खरीदने की प्रक्रिया ही समय से पूरी नहीं होती दिख रही।

तीन दशकों बाद एडीए लाया नई योजना

बता दें कि आज से 34 वर्ष पहले यानी की 1989 में एडीए शास्त्रीपुरम और कालिंदी विहार योजना लेकर आया था। उसके बाद अब ककुआ व भांडई में टाउनशिप बनाने की योजना लाई गई है। 138 हेक्टेयर भूमि पर टाउनशिप के विकास को लेकर किसानों से आपसी सहमति पत्र भरवा लिए गए थे। किसानों को भूमि के सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, भूमि का पहला बैनामा 21 मार्च को किया गया था। उसके बाद दूसरा बैनामा 16 अप्रैल को हुआ। लेकिन उसके बाद 22 दिनों में कोई बैनामा नहीं हुआ है। भूमि के लिए मंडलायुक्त द्वारा 3 महीने का अधिकतम समय देने के बाद भी एडीए अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिल रहा है। 2 महीने का समय बीत गया है लेकिन विकास के लिए आवश्यक जमीन का आधा हिस्सा भी एडीए के पास नहीं है।

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योजना के लिए सरकार देगी 50 प्रतिशत धनराशि

मिली जानकारी के अनुसार, टाउनशिप योजना के लिए 50 प्रतिशत धनराशि सीड कैपिटल के रूप में सरकार द्वारा दी जाएगी। बाकी की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान एडीए द्वारा किया जाएगा। योजना के विकास के लिए 50 प्रतिशत राशि को जुटाने के लिए एडीए लोन आदि विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है। लेकिन अभी तक किसी भी विकल्प को लेकर सहमति नहीं बनी है और समय है की निकलता जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए तय समय में 138 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने से लेकर योजना की लॉन्चिंग को लेकर संदेह बना हुआ है।

लोकसभा चुनाव के चलते प्रभावित हुई प्रक्रिया

प्रक्रिया को लेकर एडीए सचिव श्रद्धा शांडिल्यायन ने जानकारी दी की लोकसभा चुनाव में ड्यूटी के कारण भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर बीते गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया था। आयोजन के बाद अगले सप्ताह से बैनामों की प्रक्रिया शुरू की जाने की बात सामने आई है।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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